रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को रायपुर पहुंचे। वह एयरपोर्ट से सीधे भाजपा के प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ विशेष बैठक की।
पार्टी सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने विशेष चुनाव अभियान चलाने की रणनीति बनाई है। इसके स्वरूप को पार्टी जल्द ही सामने लाएगी। पिछली पांच जुलाई को उन्होंने प्रदेश भाजपा प्रभारी और सह प्रभारी को विधानसभावार पार्टी की स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी। इस पर कमजोर परफार्मेंस वाली सीटों पर मंथन किया गया।
शाह ने आरोप पत्र समिति और घोषणा पत्र समिति के कामों पर अब तक का ब्यौरा लिया। राज्य की कांग्रेस सरकार की कमजोरियों को उजागर करने के लिए उन्होंने प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने विधानसभा में भाजपा की ओर से पेश किए गए आरोप पत्र को जमीनी स्तर पर भी उठाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय अन्य शामिल रहे। बैठक के मद्देनजर पार्टी कार्यालय के बाहर सुरक्षा का खास इंतजाम किया गया।
विधायक ननकीराम को गेट पर ही रोका दिया गया
वहीं कोरबा जिले के रामपुर से भाजपा के सीनियर विधायक ननकीराम कंवर भी बैठक में शामिल होने दफ्तर पहुंचे थे। मगर उन्हें अंदर जाने नहीं दिया। उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। कहा गया कि अंदर आने वालों की सूची में आपका नाम नहीं है, आप कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकते। इसके बाद कंवर वापस अपने निवास लौट गए।
प्रभावी जनों को जोड़ने की रणनीति
शाह ने प्रदेश में विधानसभावार समाज के प्रभावशाली लोगों को पार्टी से जोड़ने की रणनीति बनाई है। उन्होंने मौजूदा विधायकों की सक्रियता, नए चेहरों को टिकट, कमजोर स्थिति वाली सीटों को मजबूत कैसे करें, इन बिंदुओं पर चर्चा की। अक्टूबर-नवंबर में चुनाव है इसके तीन महीने पहले चुनाव समन्वय समिति व चुनाव अभियान समिति के मुद्दों पर चर्चा की। शाह ने जल्द से जल्द विभिन्न अलग-अगल समितियों को गठित करके उन्हें सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।