कांग्रेस सरकार में धर्मांतरण के मुद्दे पर मुखर होना टिकट मिलने की बड़ी वजह
कांकेर। कांकेर लोकसभा सीट से भारतीय जानता पार्टी ने अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। भोजराज नाग अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक हैं। अंतागढ़ के रहने वाले भोजराज नाग 2014 में हुए अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा से जीत हासिल कर विधायक निर्वाचित हुए थे।
पूर्व विधायक भोजराज नाग ने सरपंच राजनीति से शुरुआत की थी। वर्तमान में भाजपा अंतागढ़ के मंडल अध्यक्ष हैं। साल 1992 में अंतागढ़ के ग्राम हिमोड़ा के सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद साल 2000 से 2005 तक जनपद पंचायत अंतागढ़ के अध्यक्ष रहे। 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य रहे। 2014 में हुए अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में जीतकर विधायक बने।
धर्मांतरण के मुद्दे पर रहे मुखर, टिकट मिलने की बड़ी वजह
भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग बस्तर में हो रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर मुखर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बीते 5 साल तक कांग्रेस की सरकार में धर्मांतरण के मुद्दे पर मुखर होकर धर्मांतरण का विरोध किया। धर्मांतरण का विरोध ही नाग को प्रत्याशी बनाएं जाने की बड़ी वजह मानी जा रही है।
कांकेर लोकसभा में 4 जिलों की 8 विधानसभा सीटें आती है
इसमें कांकेर जिले की सभी सीटें जिसमे कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़ विधानसभा इसी तरह बालोद की संजारी बालोद, डौंडी लोहारा, गुण्डरदेही वहीं कोंडागांव और धमतरी की 1-1 सीट जिसमें केशकाल और नगरी सिहावा विधानसभा सीट शामिल हैं।
8 में से 5 विधानसभा सीट में कांग्रेस का कब्जा
कांकेर लोकसभा में आने वाली 8 विधानसभा सीटों में कांग्रेस का 5 सीटों पर कब्जा है, वहीं 3 सीट भाजपा के कब्जे में है। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांकेर जिले की 2 सीट जिसमें कांकेर विधानसभा सीट से भाजपा के आशाराम नेताम सबसे कम 16 वोट से जीत हासिल कर कांकेर सीट से भाजपा को जीत दिलाई थी।
अंतागढ़ से भाजपा के विक्रम उसेंडी तो वही कोंडागांव जिले के केशकाल सीट से पूर्व IAS नीलकंठ टेकाम ने भाजपा के विधायक हैं। शेष 5 सीटों में कांकेर के भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की सावित्री मंडावी तो धमतरी जिले की आने वाली 1 सीट से अंबिका मरकाम ने जीत दर्ज की है।
वहीं बालोद जिले की तीनों विधानसभा सीट पर कांग्रेस की जीत हुई है। इसमें संजारी बालोद से संगीता सिंहा, डौंडी लोहारा से अनिला भेड़िया व गुण्डरदेही से कुंवर लाल निषाद शामिल है।
2019 में 7 हजार से कम था जीत का अंतर
कांकेर लोकसभा सीट से 2019 लोकसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा में कांटे की टक्कर देखी गई थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण कांग्रेस ने बस्तर में पूरी ताकत झोंक दी थी। मोदी लहर के चलते भाजपा ने कांकेर लोकसभा सीट में 7 हजार से कम वोटों से जीत दर्ज की थी।