हत्यारे पति, सास व ससुर को आजीवन कारावास

Chhattisgarh Crimes

सक्ती। दहेज में पल्सर बाइक और एक लाख रुपए नहीं देने पर शादी के चार माह बाद ही नवविवाहिता का गला दबाकर हत्या किए जाने के मामले में न्यायालय ने आरोपित पति,सास व ससुर को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियोजन के अनुसार 22 अगस्त 2022 को ममता साहू के पिता बद्री साहू ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि शाम लगभग 7 बजे उसके मोबाइल पर विश्राम सागर साहू ने फोन कर बताया कि उसकी बेटी ममता साहू की मृत्यु हो गई है जो ग्राम मुड़पार में है । सूचना पाकर वह अपने स्वजन के साथ ग्राम मुड़पार जाकर देखा तो उसकी पुत्री अपने घर के बरामदे में मृत पड़ी थी। ममता साहू की शादी मूलशंकर साहू पिता घसीराम निवासी ग्राम मुड़पार के साथ 20 अप्रैल 2022 को सामाजिक रीति रिवाज के साथ हुई थी।

शादी के बाद उसकी पुत्री ममता अक्सर फोन करके मायके में बताती थी कि उसका पति मूलशंकर साहू हमेशा दहेज में पल्सर बाइक व एक लाख रुपये नकदी नहीं दिए जाने की बात कहकर वाद विवाद मारपीट कर प्रताड़ित करता है। जिससे संदेह है कि ममता साहू का गला मुंह दबाकर उसकी हत्या की गई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच की और ममता के पति मूलशंकर साहू, ससुर घासीराम साहू एवं सास गेंदबाई साहू के विरुद्ध थाना हसौद में धारा 302, 304(बी), 120(बी) 34 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

जांच में पाया गया कि ममता साहू के मायके वाले विवाह के समय एचएफ डीलक्स बाइक दिए थे । ममता साहू के पति मूलशंकर, ससुर घासीराम और सास गेंदबाई मिलकर एचएफ डीलक्स की जगह पल्सर बाइक एवं एक लाख रुपये नकद अपने मायके से लाने के लिए ममता साहू को बोलते थे वह मायके से मांग कर नहीं लाई इसी वजह से 22 अगस्त 2022 को सुबह तीनों ने मिलकर ममता साहू के नाक एवं मुंह को तकिया से दबाकर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस द्वारा आरोपितों को गिरफ्तार कर उनका बयान लिया गया और न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। आरोपितों के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।दोनों पक्ष की सुनवाई हुई। अभियोजन का कहना था कि शादी के चार माह बाद ही आरोपितों ने मिलकर हत्या की है। इसलिए उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बीआर साहू ने आरोपितों को धारा 302 सहपठित धारा 34 के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया है। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी की।