बीजापुर। जिले में एक युवती ने जब युवक से शादी करने मना किया तो उसने भाई के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। उसका धारदार हथियार से गला रेत दिया। हत्या के 40 दिन बाद पुलिस ने इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझा दिया है। युवक समेत उसके भाई और पिता की गिरफ्तारी हो गई है।
गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया कि युवती के शादी नहीं करने के फैसले से मेरा ईगो हर्ट हुआ था। मेरे साथ मेरे पूरे परिवार की समाज में बेइज्जती हुई थी। इसलिए उसे सबक सिखाने के लिए भाई के साथ मिलकर उसका मर्डर कर दिया। अब पुलिस नेने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
दरअसल, बीजापुर के शिविरपारा के रहने वाले फूलचंद कड़ियामी ने 10 अगस्त को पुलिस को जानकारी दी थी कि उसकी बहन सरस्वती कड़ियामी (34) लापता हो गई है। वह सुबह 6:30 बजे शिविरपारा से सागवाही कन्हईगुड़ा खेत में रोपाई काम करने के लिए अकेली पैदल निकली थी। जो घर नहीं लौटी। वहीं पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू की।
पुलिस की टीम कन्हईगुड़ा के खेत में पहुंची। जहां एक झोला और कुछ जगह पर खून के धब्बे मिले। उस जगह का जब निरीक्षण किया गया तो 100 मीटर दूर एक नाले में युवती का शव मिला। गले में फंदा बंधा हुआ था। जब फंदा खोलकर देखा गया तो गला रेता हुआ दिखा। इसे सुसाइड करार देने की कोशिश की गई थी। ASP चंद्रकांत गवर्णा ने बताया कि, जब इनसे पूछताछ की गई तो इन्होंने कहा कि सरस्वती पर नजर बनाकर रखे हुए थे। पता चला था कि वो लगातार खेत में रोपाई के काम से जाती है।
वहीं 10 अगस्त को नंदू और मंगल मांझी दोनों खेत में जाकर कहीं छिप गए थे। जब सरस्वती वहां पहुंची तो उसे पकड़ लिया। मुंह दबाया। उसका धारदार हथियार से गला रेत दिया। हत्या को सुसाइड बताने के लिए गले में फंदा बांधा और नाले के पास शव को छोड़ दिया। ASP ने कहा कि इस पूरे मामले में इन दोनों भाइयों के पिता सुखनाथ मांझी की भी भूमिका थी। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।