राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पुरखौती मुक्तांगन में सरगुजा प्रखंड का किया लोकार्पण

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नवा रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन में सरगुजा प्रखंड का लोकार्पण किया। लगभग 5 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित सरगुजा प्रखंड में छत्तीसगढ़ राज्य के विशेष रूप से सरगुजा अंचल के आदिवासी समुदाय की जीवनशैली और उनकी सांस्कृतिक व पुरातात्विक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया है।

Chhattisgarh Crimes

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब एवं रोहित साहू उपस्थित थे।

Chhattisgarh Crimes

सरगुजा प्रखंड में सरगुजा अंचल के जनजातियों की अनुठी संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत और पुरावैभव को प्रदर्शित किया गया है। सरगुजा अंचल के विभिन्न जनजातियों के निवास स्थल व उनकी जीवनशैली को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे हम एक ही स्थल में विभिन्न आदिवासी समुदायों के रहन-सहन, संस्कृति से बेहतर तरीके से रूबरू हो सकते हैं।

Chhattisgarh Crimes

सरगुजा प्रखंड में पण्डो जनजाति के पारंपरिक जीवन शैली को दर्शाते बांस और छिंद के पत्तों से बने घर को प्रदर्शित किया गया है। इन घरों में देवताओं के पूजा का विशेष स्थान होता है। इसी तरह पहाड़ी कोरवा जनजाति का आवास लकड़ी से बना होता है, जिसमें देवी-देवताओं की आकृतियां नक्काशी की जाती है। यह उनकी धार्मिक आस्था का प्रतीक है। प्रखंड में निर्मित सामत सरना शिव मंदिर डीपाडीह में प्राचीन मंदिरों के भग्नावेश की प्रतिकृति हैं, जो 7वीं-13वीं शताब्दी के हैं। यह स्थल पुरातात्विक और धार्मिक महत्व रखता है। इसी तरह कोरिया का बैकुण्ठपुर महल भारतीय वास्तुकला का उदाहरण है। यह महल 1946 में पूर्ण हुआ है, इसकी अपनी ऐतिहासिक महत्ता है, जिसको पुरखौती मुक्तांगन के सरगुजा प्रखंड में प्रतिकृति के रूप में निर्मित किया गया है।

Chhattisgarh Crimes

इसी प्रखंड में प्रदर्शित मड़िया खंबा आदिवासियों के सामुदायिक समारोह में उपयोग होता है। यह मड़िया जनजाति की पहचान का प्रतीक है, इसे पूजा स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है। इसी तरह रामगढ़ की पहाड़ी पर सीताबेंगरा गुफा के प्राचीन नाट्यशाला के अवशेष को प्रदर्शित किया गया है। यह भरत मुनि का नाट्यशाला माना जाता है। रामगढ़ की पहाड़ी में महाकवि कालीदास ने मेघदूतम् की रचना की है।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।

Chhattisgarh Crimes