महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में जमीन को लेकर 2 समाज के बीच विवाद हो गया। राजस्व न्यायालय में केस पेंडिंग होने के बावजूद सतनामी समाज ने उस भूमि पर जैतखंभ स्थापित कर दिया। जिससे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। विवाद की स्थिति से निपटने बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव में तैनात किया गया है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम लाफिनखुर्द का है।
जमीन का कुछ हिस्सा घास जमीन में शामिल किया
महासमुंद जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत लाफिनखुर्द में आदिवासी बिसराम की लगानी भूमि है। इस भूमि के नक्शे को छोटा कर कुछ हिस्सा राजस्व विभाग की लापरवाही से घास जमीन में शामिल कर दिया गया है। आदिवासी बिसराम ध्रुव ने साल 2024-25 में तहसीलदार न्यायालय में मामले की शिकायत की, केस अभी पेंडिंग है।
आदिवासी समाज का कहना है कि बिसराम ध्रुव की जमीन का हिस्सा लापरवाही के कारण घास जमीन में चली गई थई। आरआई पटवारी के समझाने के बावजूद उसी हिस्से में सतनामी समाज ने मंगलवार की सुबह जैतखंभ स्थापित कर दिया।
जिससे दोनों समाज में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। गांव के बिगड़ते हालात को देखते हुए आदिवासी समाज ने कोटवार के माध्यम से इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय सहित जिले भर के थाना प्रभारी दल-बल के साथ गांव पहुंचे।
पुलिस प्रशासन के साथ SDM भी गांव पहुंचे। एक पक्ष शांत खड़ा रहा। वहीं दूसरा पक्ष उग्र प्रदर्शन करने लगा। पुलिस दूसरे पक्ष को शांत करने की कोशिश करती रही, लेकिन महिलाएं उग्र हो गई।
दोनों समाज के 5-5 लोग और सरपंच के सामने कराया सीमांकन
गांव में तनाव के माहौल को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी आरआई और पटवारियों की टीम ने दोनों ही समाज के 5-5 लोग और सरपंच, गांव के मुखिया के सामने विवादित जमीन का सीमांकन कराया गया है।
सीमांकन में जमीन आदिवासी बिसराम ध्रुव की निकली। प्रशासन ने दोनों पक्षों का पंचनामा कराया गया। सतनामी समाज ने जैतखंभ को हटाने पर सहमति जताई है। वहीं सतनामी समाज ने प्रशासन से जैतखाम के लिए अन्य भूमि की मांग की है। जिस पर प्रशासन ने जांच के बाद स्थान चयन कर जमीन देने का आश्वासन दिया। तब कही जाकर लोग शांत हुए।