कोरिया में बाघ की मृत्यु पर CM साय के कड़े तेवर: वनरक्षक राजवाड़े और वनपाल सिंह निलंबित, वन क्षेत्रपाल से स्पष्टीकरण तलब

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोरिया जिले में बाघ की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव को दिए। इन निर्देशों के अनुपालन में कोरिया वनमंडल बैकुंठपुर अंतर्गत परिक्षेत्र सोनहत के रामगढ़ सर्किल के वनरक्षक पितांबर लाल राजवाड़े और वनपाल रामप्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसी क्रम में परिक्षेत्राधिकारी सोनहत के वन क्षेत्रपाल विनय कुमार सिंह से बाघ की मृत्यु के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को वनों की रक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण में मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी लापरवाही पर संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ये है मामला

वन विभाग के अनुसार, 8 नवंबर को दोपहर 1 बजे ग्रामीणों से परिसर रक्षक गरनई को सूचना मिली कि ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे एक बाघ मृत पाया गया है। घटना स्थल बीट गरनई, सर्किल रामगढ़, परिक्षेत्र सोनहत, कोरिया वनमंडल के वनक्षेत्र कक्ष क्रमांक पी 196 के पास स्थित है। वनरक्षक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया, जिसके बाद कोरिया के डीएफओ, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर के संचालक, उपवनमण्डलाधिकारी उत्तर बैकुंठपुर, सीसीएफ सरगुजा वन वृत्त अम्बिकापुर और वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा मौके पर पहुंचे।

वन विभाग की टीम ने घटना स्थल के आसपास 1.5 से 2 किमी क्षेत्र में तलाशी की। प्रथम दृष्टया शव 2-3 दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। वन विभाग, पुलिस विभाग, NTCA प्रतिनिधि और ग्रामीणों की उपस्थिति में 4 सदस्यीय पशु चिकित्सक टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। टीम के अनुसार, बाघ की मौत का कारण जहर संभावित है। पोस्टमार्टम के बाद शव को नियमानुसार दाह संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम के दौरान मृत बाघ के आवश्यक अंगों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया है।