मिशन हॉस्पिटल की जमीन पर बनेगा नालंदा परिसर, आक्सीजोंन और गार्डन, युवाओं के साथ शहर वासियों को भी फायदा

Chhattisgarh Crimes
बिलासपुर। मिशन हॉस्पिटल की लीज खत्म होने के बाद जिला प्रशासन और निगम ने इस जमीन को कब्जे पर ले लिया है। यहां जो बिल्डिंग उपयोग के लायक थी उसमें निगम का जोन दफ्तर और अतिक्रमण निवारण दफ्तर लगाया गया है। अनुपयुक्त बिल्डिंगों को ढहा दिया गया है। अब शहर के बीचो-बीच स्थित इस बेशकीमती जमीन पर शहर वासियों को फायदा पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन रायपुर की तर्ज पर नालंदा परिसर और ऑक्सीजोन बनाने की तैयारी में है। साथ ही यहां शहरवासियों के लिए गार्डन भी बनाया जाएगा। इससे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले हजारों युवाओं को फायदा होने के साथ ही शहर के लोगों को भी फायदा होगा।

बिलासपुर में लंबे समय से रायपुर की तर्ज पर नालंदा परिसर बनाने की मांग चल रही थी। बिलासपुर शहर पीएससी, यूपीएससी,व्यापम,सिविल जज और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं का गढ़ है। यहां बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले कोचिंग खुल गए हैं और प्रदेश भर के युवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए बिलासपुर में आकर रहते है। यहां कुछ कोचिंग संचालकों ने लाइब्रेरी भी खोल रखी है। पर कोचिंग और हॉस्टल का फीस देने के बाद लाइब्रेरी की महंगी फीस देना हर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी के बस की बात नहीं है। जिसके चलते यहां लंबे समय से नालंदा परिसर की मांग उठ रही थी। मिशन अस्पताल की जमीन को कब्जे में लेने के बाद अब यहां रायपुर की तर्ज पर नालंदा परिसर बनवाने की तैयारी है। इसके साथ यहां गार्डन और ऑक्सीजोन भी बनेगा।

शहर के बीचो-बीच जगह उपलब्ध नहीं होने के चलते यह मांग पूरी नहीं हो पा रही थी। 30 साल पहले मिशन अस्पताल की लीज खत्म हो चुकी है। बावजूद इसके क्रिश्चियन वूमेन बोर्ड ऑफ मिशन इस पर काबिज था। लीज की शर्तों के अनुसार इस पर कोई भी व्यवसायिक उपयोग करने या स्ट्रक्चर बदलने से पहले जिला कलेक्टर की अनुमति लेनी थी। पर बिना अनुमति लीज की शर्तों का उल्लंघन कर यहां चौपाटी बना लाखों रुपए किराया वसूल व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। सेवा के नाम पर मिली जमीन का व्यवसायिक उपयोग होने और लीज खत्म होने का मामला संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण और निगम आयुक्त अमित कुमार ने इस पर कब्जा लेने की कार्यवाही शुरू की थी। इसके खिलाफ क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन ने संभाग आयुक्त न्यायालय में अपील दर्ज की थी। अपील खारिज होने के बाद जिला प्रशासन ने इसे कब्जे में ले लिया। निगम का दफ्तर लगाने के अलावा बड़ी मात्रा में शहर के बीचो-बीच जमीन उपलब्ध होने के चलते अब यहां युवाओं और शहरवासियों को लाभ पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने कार्य योजना बनाने शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य शासन से वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया पुरी की जा रही है।

पहले चर्चा थी कि यहां पर गार्डन और कमर्शियल उपयोग ही किया जाएगा। पर प्रदेश भर के युवाओं के बिलासपुर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आने और यहां रहकर पढ़ाई करने के चलते हजारों युवाओं को लाभ पहुंचाने के लिए यहां नालंदा परिसर बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही यहां ऑक्सीजोन भी बनेगा जिससे शहर के बीचो-बीच प्रदूषण से निपटने और शुद्ध वायु प्रवाह में भी मदद मिलेगी। गार्डन बन जाने से शहर वासियों और बुजुर्गों को भी 20 शहर में एक और गार्डन मिल सकेगा।

पूर्व में बेल्थरा के विधायक सुशांत शुक्ला के द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र कोनी में नालंदा परिसर बनवाने की पहल की गई थी। पर शहर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के रहने के चलते शहर के बीचों-बीच नालंदा परिसर बनाए जाने के लिए जगह की तलाश की जा रही थी। मिशन हॉस्पिटल का संचालन बंद होने के बाद इसे नालंदा परिसर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

लीज लेकर बेच दी जमीन:–

मिशन अस्पताल की जमीन को क्रिश्चियन वुमन बोर्ड आफ मिशन को सेवा के लिए अस्पताल बनाने के लिए जमीन लीज पर दी गई थी। लीज की शर्तों के अनुसार इस जमीन को बेचा नहीं जा सकता था। पर 92069 वर्ग फीट जमीन दूसरों को बेच दी गई। इसके अलावा चौपाटी बना यहां से लाखों रुपए वसूला जा रहा था। कांग्रेस की सरकार के दौरान चलाए गए फ्री होल्डिंग स्कीम के दौरान यहां रमन जोगी ने उक्त जमीन को फ्री होल्ड करने के लिए आवेदन भी दिया था। पर फ्री होल्ड होने की अनुमति नहीं मिल सकी। यह जमीन नजूल की जमीन है, जिसे पलीज पर दी गई थी। अब कलेक्टर अवनीश शरण और निगम आयुक्त अमित कुमार के द्वारा लीज खत्म होने के बाद इसे कब्जे पर ली गई है। युवाओं के हित के लिए नालंदा परिसर बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रक्रिया की जा रही है।