छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के लाल बाग मैदान के पास स्थित झीरम शहीद स्मारक शराबियों को अड्डा बन गया

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में जगदलपुर के लाल बाग मैदान के पास स्थित झीरम शहीद स्मारक शराबियों को अड्डा बन गया है। यहां शराब पीने के बाद शराबियों ने कांग्रेस के शहीद महेंद्र कर्मा के स्टेच्यू पर शराब की बोतलें फोड़ी हैं। साथ ही शहीदों की अन्य प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की, झीरम मेमोरियल के स्ट्रक्चर को भी तोड़ा है।

दरअसल, शराबियों ने झीरम मेमोरियल की तस्वीर ही बदल दी है। जिस जगह पर शहीदों की प्रतिमाएं लगी हुई हैं, उसके नीचे के हिस्से को तोड़ा गया। उसके नीचे बैठकर हर दिन रात में जाम छलकाते हैं। इसका प्रमाण वहां पड़ी शराब की बोतलें, कांच के टुकड़े समेत अन्य खाने-पीने के सामान के रैपर हैं।

स्टेच्यू के पीछे शराब की बोतल के कांच के टुकड़े पड़े

जब हम महेंद्र कर्मा के स्टेच्यू के पास गए तो देखा कि उनके स्टेच्यू के पीछे शराब की बोतल के कांच के टुकड़े पड़े हुए थे। कुछ टुकड़े स्टेच्यू के सिर पर भी पड़े दिखे। स्टेच्यू के नीचे जमीन पर भी कांच बिखरा हुआ था। ऐसा लग रहा था मानों किसी शराबी ने जानबूझ कर महेंद्र कर्मा की प्रतिमा पर अपना गुस्सा निकाला और तोड़-फोड़ की हो।

नेम प्लेट को भी उखाड़कर फेंक दिया

इसके साथ ही शहीदों की प्रतिमा के सामने उनके नाम के लगे नेम प्लेट को भी उखाड़कर फेंक दिया गया। कुछ प्रतिमाएं टूटी हुई हैं। बड़ी बात है कि जिस जगह झीरम मेमोरियल है, उसके पास में ही IG ऑफिस है। 100 मीटर दूर सिटी कोतवाली है। फिर भी शराबियों और बदमाशों के हौसले बुलंद हैं।

‘आप CCTV कैमरे की निगरानी में हैं’, लेकिन नहीं है एक भी कैमरा

झीरम मेमोरियल के गेट के अंदर प्रवेश करते ही एक बड़ी सी दीवार में प्रशासन ने एक बोर्ड चस्पा कर लिखवाया है ‘सावधान! आप CCTV कैमरे की निगरानी में हैं।’ लेकिन मेमोरियल वाली जगह एक भी कैमरे नहीं लगे हुए हैं। यही वजह है कि शराबी बिना डरे अंदर बैठकर शराब भी पी रहे हैं और तोड़फोड़ भी कर रहे हैं। जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।

छविंद्र बोले- ये शहीदों का अपमान है

महेंद्र कर्मा के बेटे और पूर्व कांग्रेस नेता छविंद्र कर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि, ये शहीदों का अपमान है। ये ठीक नहीं है। शासन-प्रशासन को इसपर ध्यान देना चाहिए। सरकार चाहे किसी की भी हो मायने नहीं रखता है।

शहीद, शहीद होते हैं। चाहे वो किसी भी सरकार में हो। जिन्होंने शहादत दी है हम उनका अपमान होने दें ये कहां की नीति है।