रायपुर पुलिस ने पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर को गहोई भवन में नजरबंद कर दिया है। वो अपने ही सरकार के खिलाफ सीएम हाउस के बाहर धरने पर बैठने वाले थे। इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने उन्हें एम्स के पास रोक लिया। लेकिन वे गेट कूदकर निकलने की कोशिश करते रहे। उनका कहना है कि, अगर यही रवैया रहा तो अगली बार भाजपा की सरकार नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि, जनता बोल रही है कि, अगली बार 15 सीट से ज्यादा सीटें बीजेपी को नहीं मिलेगी। पूर्व गृहमंत्री ने जिला प्रशासन को दिया था पत्र
दरअसल, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने भ्रष्टाचार को लेकर कोरबा कलेक्टर अजित वसंत हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि 4 अक्टूबर तक कार्रवाई नहीं हुई तो वे रायपुर में धरने पर बैठेंगे। इसके लिए वो शुक्रवार देर शाम रायपुर पहुंचे थे।
उन्होंने धरने को लेकर रायपुर जिला प्रशासन को पत्र भी दिया था। शनिवार सुबह के 10.30 बजे से वो धरने पर बैठने वाले थे। जब वो होटल से धरना स्थल के निकले, इस दौरान पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें रोक लिया।
आदेश मिलते ही जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे अफसर
राज्य शासन ने ननकीराम कंवर के शिकायती पत्र पर बिलासपुर संभागायुक्त सुनील जैन से जांच प्रतिवेदन मांगा है। हालांकि, सुनील जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, शासन की ओर से उन्हें अभी तक लिखित आदेश नहीं मिला है।
आदेश मिलते ही वे जांच कर रिपोर्ट सौंप देंगे। यह भी बताया जा रहा है कि इस मामले में शासन ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जानिए क्या है पूरा विवाद ?
ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि, कोरबा में कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। उनके खिलाफ सैकड़ों भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि 40,000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं से अरबों की ठगी, मालगांव और रलिया में फर्जी मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए की अनियमितता जैसे मामलों में कलेक्टर की सीधी संलिप्तता है।
पहले भी पूर्व मंत्री को कलेक्टर ने भेजा था नोटिस
पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि, भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को कोरबा कलेक्टर टारगेट कर रहे हैं। इसमें एक पत्रकार का मकान गिराने, पार्टी कार्यकर्ताओं के राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।
यह विवाद पहले भी चर्चा में रहा है, जब कलेक्टर अजित वसंत ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को एक फेसबुक पोस्ट के लिए नोटिस भेजा था। कलेक्टर का कहना था कि, पोस्ट प्रशासन की छवि खराब करती है।