रायपुर। रायपुर में घर पर रहकर अभी तक 58 हजार मरीजों ने कोरोना से जंग जीत ली है। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के माध्यम से अभी तक 58 हजार से अधिक कोरोना पाजिटिव मरीजों को उनके घर पर उनके कंफर्टेबल इनवायरमेंट कंडीशन में स्वस्थ किया जा चुका है।कलेक्टर रायपुर डॉ. एस भारतीदासन ने बताया कि होम आइसोलेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। होम आइसोलेशन का मतलब चुपचाप घर पर रहकर इलाज कराना नहीं है इसके लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है। रजिस्ट्रेशन वेब लिंक http://cghomeisolation.com है।
24 घंटे चल रहा कंट्रोल रूम
होम आइसोलेशन के जिला नोडल अधिकारी गोपाल वर्मा ने बताया कि जिला पंचायत के एमआईसी रूम में होम आइसोलेशन का कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां डाक्टर्स और काउंसलर्स तीन पालियों में चौबीस घंटे उपस्थित रहकर होम आइसोलेशन के संबंध में जानकारी देने के साथ-साथ, किसी भी आपात स्थिति हैं। मरीज से बात करने एवं उसको एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाने के लिए भी तत्पर रहते हैं।
लिंक में रजिस्ट्रेशन के समय आपको अपना डाक्टर अपने हिसाब से चुनना होता है। रायपुर की होम आइसोलेशन टीम में 400 से अधिक डाक्टर्स है, जो हर पेशेंट की निगरानी करते हैं। इसके बाद नगर निगम की टीम आपके घर का निरीक्षण करती है और आपको अप्रूवल दे देती है।
आक्सीजन लेवल 94 से नीचे तो कंट्रोल रूम से संपर्क करें
विशेषकर शुरू के 10 दिन में होम आइसोलेशन के दौरान प्रतिदिन आपको चार टाइम आक्सीजन लेवल और टेंपरेचर आदि की जानकारी अपने डाक्टर को भेजना रहता है। इसके लिए मरीज के पास पल्स ऑक्सीमीटर का होना जरूरी है। आक्सीजन लेवल अगर 94 या उससे नीचे होता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से या कंट्रोल रूम से संपर्क करना चाहिए और कंट्रोल रूम के एंबुलेंस के माध्यम से हॉस्पिटल शिफ्ट होना चाहिए।
होम आइसोलेशन में रहकर करें डाक्टर्स से संपर्क
होम आइसोलेशन के दौरान डाक्टर से संपर्क करने पर डाक्टर क्लिनिकली कोरिलेट करके आपको या तो घर पर रहने के लिए उचित सलाह देंगे या तो अस्पताल भेजने के लिए होम आइसोलेशन की टीम को बताएंगे। इसी उद्देश्य से एक नया (sos) बटन एप में डाला गया है, जिसको दबाते ही डाक्टर मरीज के बारे में सारी जानकारी होम आइसोलेशन टीम को भेजता है।
साथ ही जीपीएस लोकेशन, मोबाइल नंबर रिश्तेदार का नंबर आदि रहता है। इसलिए होम आइसोलेशन एप में रजिट्रेशन करा कर आने से आप एक चिकित्सक की निगरानी में 17 दिन रहते हैं। जह जरूरी है कि गंभीर स्थिति आने से बचें और जरूरत होने पर कंट्रोल रूम के माध्यम से अस्पताल शिफ्ट हों।
डाक्टर विशेष रूप से कोविड के लिए प्रशिक्षित
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मीरा बघेल ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी से भी फोन पर दवाई पूछ कर नहीं खाएं। केवल होम आइसोलेशन वेब लिंक के माध्यम से डाक्टर्स का चयन करें। ये डाक्टर्स चौबीस घंटे आपकी मॉनिटरिंग इलाज तुंहर दुआर एप के माध्यम से करेंगे। यह डाक्टर विशेष रूप से कोविड के लिए प्रशिक्षित हैं।
17 दिन आपको घर पर रहना अनिवार्य
होम आइसोलेशन में आपको 10 दिन रहना पड़ता है, उसके बाद सात दिन आपको घर में ही क्वारंटाइन रहना होता है। कुल 17 दिन आपको घर पर रहना अनिवार्य है। इसके बाद आपको लिंक के माध्यम से ही होम आइसोलेशन का सर्टिफिकेट भी मिलता है। दोबारा टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं है।
ऐसा नहीं करने पर हो जाएंगे आइसोलेशन से बाहर
होम आइसोलेशन की सहायक नोडल अधिकारी डा. अंजलि शर्मा ने बताया कि इस दौरान अगर आप डाक्टर से संपर्क में नहीं रहते या उनको रीडिंग्स नहीं भेजते तो डाक्टर द्वारा आपको रिजेक्ट कर दिया जाता है और आप इस होम आइसोलेशन के सिस्टम से बाहर हो जाते हैं।
असामान्य लगने पर तुरंत कोरोना टेस्ट करवाएं
कोविड-19 की इस दूसरी लहर में महत्वपूर्ण बात है कि इसके किसी भी असामान्य लक्षण को बहुत सामान्य तरीके से नहीं लिया जा सकता है। जैसे ही आपको किसी भी प्रकार का छोटे से छोटा लक्षण जैसे की कमजोरी या हल्के बुखार हो या अपने नार्मल रूटीन से आपको कुछ भी असामान्य लगे तो उन्हें तुरंत कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क में आए है जो पॉजिटिव हो तो भी तुरंत अपना टेस्ट करवाना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को स्वयं को अपने घर वालों से भी आइसोलेट कर लेना चाहिए। सभी शासकीय चिकित्सालय में कोरोना टेस्ट निशुल्क किया जाता है।
रिपोर्ट नेगेटिव फिर भी रखें सावधानी
अगर टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव है और आपके लक्षण कम नहीं हो रहे हैं, तब भी आइसोलेटेड रहें और 2 – 3 दिन बाद दोबारा टेस्ट कराएं। किसी भी छोटी से छोटी बात को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। अगर हम लापरवाही करेंगे तो कोविड का यह नया रूप बहुत ही खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम पहले से ही सावधानी बरतें, मास्क जरूर लगाए,समय पर टेस्ट कराएं, अपने आप को और परिजन को यथासंभव कोविड से बचाएं। अपने डॉक्टर के मार्गदर्शन में रहें। सही जानकारी दें ताकि जिला प्रशासन आपकी पूरी मदद कर सके।