कहा-प्रदेश के सारे पत्रकार, विभिन्न संगठनों के साथी, एक साथ एक मंच पर आएं
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सरकार ने राज्य के पत्रकारों से किया वादा आज तक पूरा नहीं किया। पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने को लेकर आज तक केवल प्रक्रिया ही चल रही है। उक्ताशय की बाते राज्य सरकार पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ जनर्लिस्ट वेलफेयर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अमित गौतम ने कही। श्री गौतम ने कहा है कि सरकार की पत्रकारों के प्रति अनदेखी को देखते हुए स्पष्ठ है कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ में लागू नहीं करना चाहती। कांकेर की घटना बेहद निंदनीय और चिंतनीय है। प्रदेश के एक वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला को सरे बाजार पीटा जाना भद्दी भद्दी गालियां दिया जाना यह दर्शाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज लगभग शून्य हो चुकी है। देश के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के लोगों पर इस तरह अगर हमला किया जा रहा है तो आम आदमी का क्या होगा सोचनीय विषय है।
श्री गौतम का कहना है कि विगत दिनों महासमुंद जिले, रायगढ़ जिले, रायपुर जिले में भी के घटनाएं पत्रकारों के साथ घटित हुई। आए दिन पत्रकारों के साथ घटनाएं हो रही हैं या उन्हें झूठे मामलों में फसाया जाता है। कांग्रेस की सरकार से पत्रकारों को बहुत उम्मीद थी कि सरकार शीघ्र अतिशीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करेगी लेकिन पत्रकार सुरक्षा कानून लागू ना होने की वजह से पत्रकार लगातार छत्तीसगढ़ में प्रताड़ित हो रहे हैं। कांकेर में हुई घटना के बाद जरूरत है कि पूरे प्रदेश के पत्रकार एक हो और अपने सम्मान की लड़ाई लड़ें। अलग-अलग संघ संगठन उनकी विचारधाराएं इन सबको एक किनारे रख कर एक मंच पर आकर सभी कलाकारों को अपने सम्मान की लड़ाई लड़ने का वक्त अब आ चुका है। अगर अभी हम चुप बैठे तो निश्चित तौर पर आए दिन हर जिलों में इस तरह के असामाजिक तत्वों द्वारा चौक चौराहों पर पत्रकारों की पिटाई होना या उनकी हत्या हो जाना आम बात हो जाएगी। अमित गौतम पत्रकारों से आग्रह करते हुए कहते है कि साथियों वक्त आ गया है, जागने का, एक होने का, सम्मान की लड़ाई लड़ने का।