रायपुर। माह भर के रमजान के रोजे पूरे होने के बाद 22 अप्रैल शनिवार को ईद मनाई जाएगी। वहीं ईद के एक दिन पहले शुक्रवार को आखिरी जुम्मे पर मस्जिदों में पांचों वक्त की नमाज अता करने के लिए काफी संख्या में रोजेदार पहुंचे। बैजनाथपारा स्थित मदरसा में शाम ढलते ही ईद के चांद की तस्दीक करने के लिए मौलानागण एकत्रित हुए। जैसे ही चांद दिखाई दिया, सभी के चेहरों पर खुशियां छलक उठीं। शहर ए काजी मो.अली फारूकी ने ईद का चांद दिखने की तस्दीक की और शनिवार को ईद मनाए जाने की घोषणा की। ईद की घोषणा होते ही देर रात तक बाजार में रौनक छाई रही।
शहर-ए-काजी मौलाना मोहम्मद अली फारूकी ने बताया कि रमजान के पवित्र महीने में 29वें रोजे पर यदि चांद दिखाई देता है तो 30 वें दिन ईद मनाने का रिवाज है। चूंकि चांद का दीदार हो गया इसलिए शनिवार को ईद मनाएंगे। राजधानी में 50 से अधिक मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज होगी। सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक अलग-अलग मस्जिदों में प्रत्येक 15 से 30 मिनट के अंतराल पर नमाज होगी। मुख्य नमाज लाखेनगर स्थित ईदगाहभाठा मैदान में होगी।
फिकरा निकाल फर्ज अदा करें
मौलाना फारूकी ने कहा कि ईद पर फिकरा निकालना प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज है। फिकरा में एक व्यक्ति पर कम से कम दो किलो 200 ग्राम गेहूं या इसकी कीमत गरीब बच्चों के लिए देनी होती है। यदि कोई गेहूं न दे तो उसकी कीमत मदरसा में अदा कर सकता है। एक परिवार में जितने भी सदस्य हों, प्रत्येक सदस्य को फिकरा अवश्य देना चाहिए।
युवतियों ने रचाई मेहंदी
ईद से पहले हाथों में मेहंदी रचाने के लिए पार्लरों में भीड़ लगी रही। रात्रि में इत्र, टोपी, सेवइयां, नए वस्त्र खरीदने के लिए दुकानों पर ग्राहक उमड़े।