अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा एवं आदिवासी भारत महासभा के तत्वाधान में होने वाली रैली धरना प्रदर्शन में सैकड़ो की संख्या में पहुंचेंगे क्षेत्रवासी
पूरन मेश्राम/मैनपुर। अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा एवं आदिवासी भारत महासभा के नेतृत्व में किसानों आदिवासियों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर 16 दिसंबर सोमवार को मैनपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन रैली और ज्ञापन का कार्यक्रम रखा गया है।
सभा के पश्चात अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)कार्यालय तक रैली निकाल कर कलेक्टर के नाम एस.डी.एम को माँग पत्र सौपी जावेगी। इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आदिवासी भारत महासभा के राज्य सचिव युवराज नेताम ने बताया कि आजादी के 76 साल बाद भी प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रो मे आदिवासीयों को आज भी काबिज जमीन का मालिकाना हक पट्टा नही मिला है।
इन इलाकों में आदिवासी शिक्षा,स्वास्थ्य,बिजली,पानी, सड़क,स्कूल और रोजगार जैसे मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं।छत्तीसगढ़ में ग्राम सभा,पेसा कानून बना है,लेकिन राज्य सरकार कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ग्राम सभा, पेसा कानून को दर किनार कर दिया है।
बस्तर में निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है,महिलाओं के साथ दुराचार,हत्या की घटनाएं बढ़ रही है।फर्जी मुठभेड़ जारी है,निर्दोष युवाओं को जेलों में बंद कर रहे हैं। दिल्ली के बॉर्डर पर 750 किसानों ने शहादत दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने एम एस पी कानून बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक वह कानून नहीं बना है। देश में महंगाई, बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार विगत10 वर्षों में तेजी से बढ़ा है,मजदूर, किसान,दलित एवं आदिवासियों के ऊपर दमन बढ़ गया है।देश में अदानी अम्बानी का राज है, मोदी सरकार इन कॉरपोरेट घरानों की गुलामी कर रही है।केंद्र की मोदी सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन किया है।ताकि आदिवासियों को जंगलो से बेदखल कर वन संपदा और खनिज संपदा को लूट सके। क्षेत्र की किसानों, आदिवासियों की समस्याओं को लेकर16 दिसंबर को मैनपुर मे विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन है। जिसमें अधिक से अधिक संख्या में पहुंँच कर कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया है।