झारखंड जामताड़ा के बाद सायबर फ्रॉड का नया ठिकाना बना एमपी का निमाड़ी, 2 आरोपी को बीहड़ से पकड़ लाई हिर्री पुलिस 

Chhattisgarh Crimes
बिलासपुर। झारखंड जामताड़ा के बाद सायबर फ्रॉड का नया ठिकाना बना मध्यप्रदेश के निमाड़ी जिला के बीहड़ से 2 आरोपी को हिर्री पुलिस ने धरदबोचा है ठगों का कन्फर्म लोकेशन न मिलने के कारण उनके बताए बैंक खाते में पुलिस ने 5 हजार ट्रांसफर किए तत्पश्चात उनका लोकेशन ट्रेस किया आरोपियों द्वारा अमसेना ग्राम के दिव्यांग को 25 लाख की लॉटरी लगने का झांसा देकर बीते डेढ़ साल में किश्तों में 4 लाख 18 हजार की ठगी की गई है पकड़े गए आरोपियों के बैंक खाते की जाँच करने पर सवा करोड़ से ज्यादा का लेनदेन होना पाया गया है आरोपियों ने छग के अलावा एमपी , उड़ीसा , महाराष्ट्र में ऑनलाइन ठगी किया जाना स्वीकार किया है ।
पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा के निर्देशन में साइबर अपराध पर लगाम कसने हेतु चलाये जा रहे अभियान साइबर क्लीन के अंतर्गत जिले में लगातार कार्यवाही जारी है। इसी क्रम में बीते 23 अगस्त को रिपोर्ट प्राप्त हुई कि ग्राम अमसेना के दिव्यांग सरजूदास मानिकपुरी उम्र 40 वर्ष को 25 लाख रूपये लाटरी लगने का झांसा देकर पिछले 1.8 वर्षो से माह फ़रवरी 2020 में 4.18 लाख रूपये ठग लिए गए है  और अभी भी नम्बर बदल बदल कर प्रार्थी को झांसा दे रहे हैl जिसकी रिपोर्ट पर अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दीपक कुमार झा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण ) रोहित कुमार झा एवं सीएसपी चकरभाठा सृष्टि चन्द्राकर के मार्गदर्शन में टीम बनाकर झाँसी रवाना किया गया जहाँ पहुचकर तकनिकी साक्ष्यो द्वारा आरोपियों की पतासाजी प्रारम्भ की गयी परन्तु मामला ज्यादा पुराना होने से आरोपियों को ट्रेस करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
पुलिस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से प्रार्थी के माध्यम से अज्ञात आरोपी जिससे लगातार संपर्क जारी था को पैसा डालने के लिये खाता की जानकारी मांगी गयी जो आरोपी झांसे में आकर खाते की जानकारी दिया। जिसमे 5000 रूपये डाले गये जिसके आधार पर तकनीकी जानकारी के अनुसार आरोपी अंकुश सिंह यादव एवं योगेन्द्र अहिरवार की जानकारी प्राप्त हुई साथ ही इनका निवास मध्यप्रदेश के नौरा ग्राम में होना पता चला जो थाना टेहरका क्षेत्र में होना पता चला तब थाना टेहरका से संपर्क करने पर पुरे गाँव में साइबर अपराध में संलग्न होने की जानकारी एवं पकड़ने जाने पर पुलिस को हिंसक तरीके से खदेड़ने की परम्परा की जानकारी हुई तब थाना टेहरका के स्टाफ की सकारात्मक मदद से आरोपियों को दबिश देकर अभिरक्षा में लिया गया जिसने सम्बंधित मोबाइल ,सिम , कंप्यूटर आदि बरामद किये गये जिसने पूछताछ अभी भी जारी है अब तक आरोपियों के 10 अलग अलग बैंको में 15 खाते का पता चला है जिसमे केवल विगत 02 वर्षो के भीतर आरोपी अंकुश के 05 खातो में करीबन 1.21 करोड़ का लेन देन हुआ है एवं आरोपी योगेन्द्र के 02 खातो से 8.5 लाख का लेन देन हुआ है। जिनमे से बैंक खातो में रखे 7 लाख रूपये सीज किये जा चुके है एवं शेयर में करीबन 5 लाख रुपये होने की जानकारी मिली है जिसकी जांच जारी है ,आरोपियों द्वारा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिसा,मप्र आदि राज्यों में लोगो को फोन पर झांसा देकर रकम ठगी करने का कार्य कर रहे थे जिन्हें बामुश्किल हिरासत में लिया गया मामले के अन्य पहलुओ पर जांच जारी है। प्रकरण को सुलझाने में थाना प्रभारी यू.एन. शांत कुमार साहू , एएसआई शीतला त्रिपाठी ,आरक्षक वीरेन्द्र साहू ,आरक्षक प्रशांत महिलांगे , आरक्षक कृष्णा कपूर एवं साइबर सेल से आरक्षक दीपक एवं विकास राम की प्रमुख भूमिका रही।