नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें और जहां सही दाम मिले, वहां अपनी उपज बेच सकते हैं : प्रधानमंत्री मोदी 

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की किश्त के 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों को संबोधित किया।

मोदी ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में जो किसानों को फायदा नहीं पहुंचने दे रहे, वे दिल्ली आकर किसानों की बात करते हैं। साथ ही कहा कि नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें और जहां सही दाम मिले, वहां अपनी उपज बेच सकते हैं।

मोदी के भाषण की अहम बातें

बंगाल के 70 लाख किसानों को लाभ नहीं मिलने का अफसोस

मोदी ने कहा कि आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक क्लिक पर 18 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन, राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।

बंगाल में 30 साल में किसानों के लिए आवाज नहीं उठाई गई

कई किसानों ने भारत सरकार को सीधी चिट्ठी लिखी है, लेकिन राज्य सरकार इसे अटकाकर बैठ गई है। जो लोग बंगाल में 30-30 साल तक राज करते थे, वे लोग बंगाल को कहां से कहां ले गए। उन लोगों ने किसानों को मिलने वाले 2 हजार रुपए के लिए आवाज नहीं उठाई और आंदोलन के लिए पंजाब चले गए। क्या देश की जनता को इस खेल का पता नहीं है। विपक्ष की जुबान इस पर क्यों बंद हो गई है।

APMC की बात करने वाले केरल में आंदोलन नहीं करते

जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल APMC मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में APMC मंडियां हैं ही नहीं। केरल में ये लोग कभी आंदोलन नहीं करते।

करोड़ों किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ

हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों की इनपुट कॉस्ट कम हो। सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप की योजना, इसीलिए शुरू हुई। सरकार ने प्रयास किया कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो। आज करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है।

लागत का डेढ़ गुना MSP दिया

हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई। हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हों। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।

10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघों को आर्थिक मदद दे रहे

हमने एक और लक्ष्य बनाया कि छोटे किसानों के समूह बनें ताकि वे अपने क्षेत्र में एक सामूहिक ताकत बनकर काम कर सकें। आज देश में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ FPO बनाने का अभियान चल रहे हैं, उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है। आज देश के किसान को अपना पक्का घर मिल रहा है, शौचालय मिल रहा है, साफ पानी मिल रहा है।

नए कानूनों में किसानों की मर्जी का ध्यान रखा

कृषि सुधारों के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो वहां भी बेच सकते हैं। निर्यात करना चाहें या व्यापारी को बेचना चाहें यह भी आपकी मर्जी है।

किसान चाहें तो वैल्यू चेन का हिस्सा भी बन सकते हैं

आप अपनी उपज दूसरे राज्य में बेचना चाहते हैं तो बेच सकते हैं। आप FPO के जरिए उपज को एक साथ बेचना चाहें तो बेच सकते हैं। आप बिस्किट, चिप्स, जैम, दूसरे कंज्यूमर उत्पादों की वैल्यू चेन का हिस्सा बनना चाहें तो ये भी कर सकते हैं।

ब्रांड इंडिया को दुनिया के कृषि बाजारों में स्थापित करने का वक्त

जब हमने दूसरे सेक्टर में इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन बढ़ाया तो हमने आय बढ़ाने के साथ ही उस सेक्टर में ब्रांड इंडिया को भी स्थापित किया। अब समय आ गया है कि ब्रांड इंडिया दुनिया के कृषि बाजारों में भी खुद को उतनी ही प्रतिष्ठा के साथ स्थापित करे।

नए कानूनों से किसानों को फायदा हो रहा

कृषि सुधार का अहम पक्ष रखना जरूरी है कि एग्रीमेंट करने वाला किसानों को अच्छी फसल उगाने में मदद करेगा। अगर फसल खराब हो गई तो सामने वाला एग्रीमेंट खत्म नहीं कर सकता, लेकिन किसान एग्रीमेंट कभी भी खत्म कर सकता है। किसी स्थिति में उपज अच्छी हुई, एग्रीमेंट वाले को ज्यादा मुनाफा हो रहा है, तो किसान बोनस का भी हकदार होगा। खबरें आ रही हैं कि कैसे किसान एक-एक कर नए कानूनों का फायदा उठा रहे हैं।

कुछ लोग किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे

कुछ राजनीतिक दलों को लोगों ने नकार दिया है, वे किसानों को गुमराह कर सकारात्मक चर्चा नहीं होने दे रहे। ये लोग किसानों के कंधों पर रखकर बंदूकें चला रहे हैं। ये लोग हिंसा के आरोपियों को जेल से छुड़ाने की मांग कर रहे हैं। टोल टैक्स न देने की मांग कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में भी देशभर के किसानों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है। मैं किसान भाइयों-बहनों को भरोसा दिलाता हूं, उन पर कोई आंच नहीं आने दूंगा।