भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि बिल पास, सदन की कार्यवाही स्थगित

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के लगातार विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित किया गया। इससे पहले बिल पेश करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि बिल का एमएसपी से कोई मतलब नहीं है। यह दोनों अलग अलग है। एमएसपी आगे भी जारी रहेगी।

बिल पर चर्चा के दौरान सदन में विपक्ष ने जमक हंगामा किया। ळटउ सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन और सदन के अन्य सदस्यों ने कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान वेल में प्रवेश किया। डेरेक ओ’ ब्रायन ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश को सदन की नियम पुस्तिका दिखाई। कृषि बिलों को लेकर सदन में हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक स्थगित कर दी गई।

जेपी नड्डा ने कहा कि 70 साल से जिस तरीके से किसानों के साथ अन्याय हो रहा था, शोषण हो रहा था, उनको आजादी दिलाने का काम सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया है। उन्होने आगे कहा कि जो पार्टियां बार-बार सभ्यता की बात करती हैं उन्होंने सभ्यता को ताक में रख कर जिस तरीके का कार्य किया है ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय है। चेयरमैन साहब इसका नोट लेंगे और इस पर एक्शन भी लेंगे।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा ठीक हो रही थी, बिल बहुमत से पास होने वाले थे। जब कांग्रेस को लगा कि वो बहुमत में नहीं है तो वो गुंडागर्दी पर उतर आए। आज कांग्रेस ने आपातकाल के बाद फिर एक बार ये सिद्ध कर दिया कि इस कांग्रेस का भी लोकतंत्र और प्रजातंत्र पर भरोसा नहीं है।

जेपी नड्डा ने बयान दिया कि आज की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में जो भी हुआ (विपक्ष द्वारा हंगामा) मैं उसकी निंदा करता हूं। जो पार्टियां किसान विरोधी हैं उन्होंने आज इस तरह का प्रयास करके प्रजातंत्र पर बहुत बड़ा कुठाराघात किया है। उनको प्रजातंत्र पर भी विश्वास नहीं है इसलिए उन्होंने इस तरह से प्रयास किया था।