चौपालों में मिले आवेदन रद्दी की टोकरी में नहीं जाने चाहिए, मैं फिर आऊंगा : सीएम भूपेश बघेल

Chhattisgarh Crimes

अंबिकापुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंबिकापुर में अफसरों की बैठक में सख्त संदेश देने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री ने कहा, एक सप्ताह की यहां की चौपालों में उन्हें जो आवेदन मिले हैं उन पर काम हो। आवेदन रद्दी की टोकरी में नहीं जाने चाहिए। अभी सात दिन तक आप लोगों ने जिस तरह काम किया है उसी तरह का काम हमेशा होना चाहिए। तीन से छह माह के बीच फिर से इन आवेदनों की समीक्षा होगी। यह मत सोचिए कि सीएम साहब का यहां का दौरा खत्म हो गया है तो आप बच गए हैं, मैं फिर आऊंगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसी योजना का लाभ लेने के लिए एक आदमी भी छूट गया तो वह हमारे लिए महत्वपूर्ण व जरूरी है। यह महत्वपूर्ण नहीं कि आपने 99% लोगों को लाभ दिला दिया है। हमारे लिए व्यक्ति महत्वपूर्ण है और हमारी विकास की योजनाओं के केन्द्र में व्यक्ति है। यह अलग बात है कि आपके लिए यह आंकड़ा हो सकता है, लेकिन हमारे लिए एक-एक व्यक्ति महत्वपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने अफसरों व कर्मचारियों की तारीफ भी की और कहा कि गड़बड़ करने वालों की संख्या बेहद कम है, लेकिन एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। अधिकारियों से उन्होंने कहा कि आप यह मत सोचिए कि आप बेहतर कर रहे हैं। आप उनसे प्रतिस्पर्धा कीजिए जो लोग आप से बेहतर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछली चार मई से प्रदेश के विधानसभावार दौरे पर हैं। शुरुआत सरगुजा संभाग से ही हुई है।

जंगल के मालिक गांव के लोग, आप मालिक बनने की कोशिश मत कीजिए

वन अधिकारों की मान्यता कानून के तहत हुए कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने तीखा लहजा अपनाया। उन्होंने कहा, जंगल के मालिक गांव के लोग हैं। आप केवल उन जंगलों के रक्षक या व्यवस्थापक हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों से साफ शब्दों में कहा कि वे जंगलों का मालिक बनने की कोशिश न करें।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने के पीछे की कहानी बताई। उन्होंने कहा, कोराना काल में वे अफसरों की बैठक लेते थे उसी दौरान उन्होंने यह बात उठी। मैंने कहा, आप लोग बीस साल बीतने के बाद भी छत्तीसगढ़ में ऐसे स्कूल नहीं बना सके, जिसमें आपके बच्चे पढ़ सकें और न ही अस्पताल तैयार किए जिसमें भर्ती होकर अपना इलाज करा सकें। वहीं अंग्रेजी स्कूल शुरू करने का कॉन्सेप्ट आया। उसके बाद ये स्कूल खोले जा रहे हैं। सभी ब्लॉक में स्कूल खुल रहे हैं। वहां अधिकारी कर्मचारी के बच्चे भी पढ़ पाएंगे।