सहायक आरक्षकों को आरक्षकों की तरह मिलेगा वेतन और प्रमोशन, DGP ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सहायक आरक्षकों की पत्नियों को आखिर जीत मिल ही गई। अपने पतियों के प्रमोशन और वेतन विसंगतियों की मांग को लेकर एक महीने पहले PHQ में इन्होंने प्रदर्शन भी किया था। उस दौरान पुलिस ने सहायक आरक्षकों की पत्नियों पर लाठीचार्ज भी किया था। सीएम भूपेश बघेल ने इसके बाद रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। डीजीपी ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सीएम भूपेशा जल्द ही इसके आदेश जारी करेंगे।

छत्तीसगढ़ के सहायक आरक्षकों को जल्द ही आरक्षकों की तरह वेतन और दूसरी सुविधाएं दी जाएंगी। इसे लेकर सरकार की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए काम करने वाले सहायक आरक्षकों को नए साल का तोहफा देने जा रहे हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जल्द ही प्रमोशन, वेतन और भत्ते को लेकर एक आदेश सरकार जारी करेगी।

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस हेड क्वार्ट्स से इसे लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। अब DGP अशोक जुनेजा ने ये रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सहायक आरक्षकों को काम-काज के दौरान आने वाली दिक्कतों, ड्यूटी शेड्यूल, काम के बदले में मिलने वाले रुपए, मेडिकल फैसिलिटीज से जुड़ी सिफारिशें हैं, इस पर फैसला लेकर सरकार सहायक आरक्षकों को नई सौगात देगी।

दिसंबर के महीने में रायपुर की सड़कों पर 3 से 4 दिनों तक सहायक आरक्षकों के परिवार की महिलाओं ने इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन किया था। बीजापुर में तो सहायक आरक्षकों ने हथियार जमा कर आंदोलन में जाने का ऐलान कर दिया था। जैसे-तैसे पुलिस अफसरों ने मामले को संभाला था।

10 हजार रुपए और जान का जोखिम

आंदोलन से जुड़े नवीन राव ने बताया था कि सहायक आरक्षकों को 10 हजार रुपए वेतन के तौर पर मिलते हैं। इतने में परिवार को पाला जा सकता है क्या, इस महंगाई के दौर में। न भत्ता मिलता है, न पीएफ और ना ही मेडिकल की सुविधा मिलती है। एक पे स्लिप में अफसर सील लगाकर पैसे दे देते हैं। वहीं जब नक्सलियों को पता चलता है कि सहायक आरक्षक अपने गांव में है तो वह उनकी हत्या कर देते हैं।

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