बैंक कर्मचारी ने केवायसी का दुरुपयोग कर फर्जी फर्म के नाम पर खाता खोलकर विदेशों से मंगाए करोड़ों रुपए

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। केवायसी का दुरुपयोग कर फर्जी फर्म के नाम से खाता खोलकर विदेशों से करोड़ों की रकम के ट्रांजेक्शन का मामला सामने आया है। पीड़ित को ईडी का नोटिस मिलने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने इंडसइंड बैंक के एक कर्मचारी मनीष कदम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

जानकारी के अनुसार पुरानी बस्ती निवासी 51 वर्षीय अजय कुमार यदु की ब्राह्मणपारा स्थित महितोष चौक के पास मां समलेश्वरी आफसेट प्रिंटर्स के नाम से दुकान है। साल 2011 में उनकी दुकान में इंडसइंड बैंक का कर्मचारी मनीष कदम आया, जो कि पूर्व परिचित था। आरोपी मनीष कदम ने अजय यदु से कहा कि यदि वह इंडसइंड बैंक में अपनी फर्म का खाता खोलता है तो उसे अन्य बैंको की तुलना में अधिक ब्याज मिलेगा।

मनीष ने यह भी कहा कि उसके माध्यम से बैंक में जितने अधिक खाते खुलेंगे उसका प्रमोशन उतना जल्द होगा। पीड़ित अजय उसके झांसे में आ गया। इस दौरान आरोपी मनीष ने उसके दुकान पर ही बैंक में फर्म मां समलेश्वरी आॅफसेट के नाम पर चालू खाता खोलने के लिए कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराये। साथ ही इससे ड्रायविंग लाइसेंस की छायाप्रति और फोटो ले ली। इसके अलावा उसने फर्म के नाम पर खाता खोलने के लिए 10 हजार रुपये नगद भी ले लिया। पैसे की जरूरत होने के कारण अजय यदु ने 21 सितंबर 2011 से 6 जुलाई 2012 के बीच अलग अलग किस्तों में 8 हजार रुपये निकाल लिए।

13 दिसम्बर 2019 को ईडी से पीड़ित को समंस मिला जिसके अनुसार उसे ईडी के स्थानीय कार्यालय बुलाया गया। जहां उसे जानकारी हुई कि उसे कन्हैया सेल्स नाम के फर्म का प्रोपाइटर बनाकर इंडसइंड बैंक का कर्मचारी मनीष कदम और तत्कालीन बैंक प्रबंधक ने षड्यंत्र कर चालू खाता खोला, जिसमे विदेशों से पैसे का लेनदेन हुआ। प्रार्थी ने इसकी शिकायत बहुत समय पहले मौदहापारा थाने में की थी। लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 10 जनवरी 2020 को इसने एसपी को भी आवेदन दिया था। अब जांच के बाद मामले में एफआईआर दर्ज हुई है।

इधर इस पर मौदहापारा थाना प्रभारी यदुमणि सिदार का कहना है कि बैंक का कर्मचारी मनीष राव कदम ने फर्जी कागजात के सहारे एक फर्म खोल लिया था। प्रार्थी को जब नोटिस आया तब इसकी जानकारी हुई। प्रार्थी ने आवेदन दिया जिस पर लंबी जांच हुई जिसके बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।