शराबबंदी मसले पर भूपेश सरकार की दो टूक – गंगाजल की कोई क़सम नहीं, शराबबंदी जहां हुई वहाँ सफल नहीं, कोरोना काल में लोग सेनेटाईजर स्प्रिट पी कर मर गए

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। शराबबंदी को लेकर मचे हंगामे के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए मोहम्मद अकबर ने शराब के लिए समितियों के बनाए जाने का ज़िक्र किया है। मंत्री मोहम्मद अकबर ने स्पष्ट किया कि पूर्ण शराबबंदी कहीं भी सफल नहीं है।

भाजपा ने इस मसले पर अशासकीय संकल्प पेश किया था, इस संकल्प के दौरान अरबी और हल्बी के मसले पर हंगामे की स्थिति भी बनी थी। भाजपा की ओर से शराबबंदी के मसले पर अशासकीय संकल्प शिवरतन शर्मा ने पेश किया था।

इस संकल्प के जवाब में सरकार की ओर से जो बयान आया है, उसमें अब तक शराबबंदी के कोई संकेत नहीं है, बल्कि यह संकेत मिलता है कि पूर्ण शराबबंदी को लेकर उसके दुष्परिणामों के दृष्टांतों ने सरकार को बहुत मुश्किलों में ला दिया है।

मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन में कहा इस मसले पर राजनैतिक समिति की बैठक हुई, प्रशासनिक समिति की बैठक हुई, राजनैतिक समिति में अब तक भाजपा जोगी कांग्रेस और बीएसपी दल से नाम माँगे गए थे जो अब तक नहीं आए हैं।

मोहम्मद अकबर ने कहा इसके साथ साथ तीन समितियाँ गठित की गई हैं, जिनमें विभिन्न समाज के लोग शामिल हैं। मणिपुर, केरल समेत कई राज्यों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई लेकिन सफल नहीं हुई, वहीं कोरोना काल में जबकि सब बंद था, सेनेटाईजर और स्पिरिट पीकव लोगों की मौतें हुईं। फिर भी पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन जारी है।