सूचना का अधिकार में हुआ खुलासा, सत्ता की हो रहीं है किरकिरी…
जयदेव सिंह…
महासमुंद। एक बहुत ही पूरानी कहावत है कि जिन्दगी मुट्ठी से रेत की तरह कब फिसल जाती है पता ही नहीं चलता। लेकिन यहां जिन्दगी तो नहीं फिसली, बल्कि खनिज विभाग के अधिकारी के कलम से निकली स्याही ने ही कांग्रेस सरकार की पोल जरूर खोल दी है। खनिज विभाग के अधिकारी ने रेत के कारोबार में विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर का संलिप्तता नहीं होना बता रहे हैं, तो दूसरी ओर इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि रेत के कारोबार में सत्ता से जुड़े लोग जरूर शामिल है। ये हम नहीं खनिज विभाग द्वारा सूचना के अधिकारी के तहत दी गई जानकारी में स्पष्ट लिखा है।
पिछले कुछ महीनों से महासमुंद जिला मुख्यालय में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण का मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय रहा है। वहीं रेत माफियाओं को लेकर खनिज विभाग और कांग्रेस नेताओं पर राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगातार मीडिया में सुर्खियां बटोरती रही। इस बात से व्यथित कांग्रेस के तीन बार विधायक रह चुके अग्नि चंद्राकर ने जिला खनिज विभाग पर सरकार की छबि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए एक लिखित शिकायत की थी। उस शिकायत की प्रति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक को भेजा गया था। लेकिन इस पर क्या कार्यवाई हुई इसे जानने आरटीआई कार्यकर्ता पंकज साहू ने खनिज विभाग से सूचना का अधिकारी के तहत जानकारी चाही गई तो उसमें बहुत से चौकाने वाले तत्थ सामने आए हैं। खनिज विभाग ने यह माना है कि रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण में संसदीय सचिव एवं विधायक सेवनलाल चंद्राकार की संलिप्तता नहीं है।
परंतु ज्यादातर भंडारण कर्ता सत्ता पक्ष से जुड़े होने की बात मानी है। जिसे विधिवत एवं नियमानुसार अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किया गया है। साथ खनिज विभाग ने दी गई जानकारी में उल्लेख किया है कि विधायक द्वारा समय समय पर कार्यवाही के लिए दिशा निर्देश विभाग को प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाती है। तो आखिर सत्ता के वो कौन लोग हैं ? खनिज विभाग ने इसका खुलासा नहीं किया। खनिज विभाग के अधिकारी एच. डी. भारद्वाज ने उल्टे यहां तक कह दिया है कि, पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकार द्वारा जिले में रेत खनिज अवैध उत्खनन में संलिप्तता के संबंध में राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप राजनीतिक प्रतिद्वंता का होना प्रतीत होता है। खनिज विभाग के उक्त जानकारी से यह तो स्पष्ट हो गया है कि अबतक रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण को लेकर अबतक मीडिया में प्रकाशित खबरों को बल मिलता है।
शिकायत में किसी का नाम नहीं, फिर भी खनिज अधिकारी ने विधायक सेवनलाल चंद्राकार के लिए दी सफाई…
रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण को लेकर पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम के अध्यक्ष अग्नि चंद्राकार द्वारा की गई शिकायत में किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया गया था। लेकिन खनिज अधिकारी एच. डी. भारद्वाज ने आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकार का जिक्र करते हुए रेत के खेल में उनकी संलिप्तता होने से इंकार किया है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब शिकायत में किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम से नहीं था तो फिर संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकार का नाम लेते हुए खनिज अधिकारी श्री भारद्वाज ने ऐसी सफाई क्यों दी है? वहीं आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में खनिज विभाग की नाकामी जगजाहिर हो रही है।या फिर सच में शासन की छबि धुमिल करने की कोशिश की जा रही है?
सभी वैध तो, 9 प्रकरण कैसे दर्ज…?
खनिज अधिकारी एच. डी. भारद्वाज ने आरटीआई के तहत दिए गए दस्तावेज में उल्लेख किया है कि महासमुंद जिले में कुल 20 अस्थायी भंडारण अनुज्ञा जारी किया गया है। जिसकी भंडारण क्षमता 89000 मैट्रिक टन प्रदान की गई है। इनमें ग्राम बिरकोनी में कुल 8 स्थानों पर कुल 30750 मैट्रिक टन जिसकी रायल्टी राशि एवं बाजार मूल्य 76 लाख 87 हजार 500 रुपये होना बताया गया है। जिससे शासन को आवेदन शुल्क के रूप में 367500 एवं प्रतिभूति राशि के रूप में 4 लाख रुपये प्राप्त हुई है। खनिज अधिकारी का यह भी कहना है स्वीकृत क्षेत्र में भंडारण क्षमता अनुरूप ही रेत भंडारित किया गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मार्च 2021 से अबतक रेत का अवैध परिवहन, भंडारण के 9 प्रकरण कैसे दर्ज किए गए हैं। इनमें से 4 प्रकरणों से समझौता राशि के रूप में 171000 रुपये वसूली किया गया है। इसी तरह 21 प्रकरण रेत का अवैध परिवहन में समझौता में 476900 रुपये वसूला गया। शेष 5 प्रकरण तैयार कर खनिज नियमों के तहत अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। जो कई शंकाओं को जन्म दे रहा है। यानी कि खनिज विभाग द्वारा रेत के अवैध परिवहन, भंडारण पर कार्यवाही नहीं किया जाता तो माफिया शासन को राजस्व में करीब 7 लाख रुपये का चूना लगा दिया होता। बंद मिला खनिज अधिकारी का मोबाईल इस संबंध में हमने जब खनिज अधिकारी से उनके मोबाईल पर सम्पर्क करने की कोशिश किया तो मोबाईल स्वीच ऑफ होने के चलते उनसे बात नहीं हो पाई।