दरअसल, जरहाभाठा निवासी दिलेश्वर टोंडर रेलवे में लोको पायलट है। उसकी शादी साल 2022 में आकांक्षा टोंडर से हुई थी। जिसके बाद उनकी बेटी पैदा हुई, जो अब दो साल की है। लोको पायलट ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी घर में काम नहीं करती। आए दिन बात-बात पर विवाद करती है। इससे पहले भी इस मामले में उन्होंने थाना तोरवा में शिकायत दर्ज कराई थी।
अस्पताल ले जाने की बात पर हुआ विवाद
बीते 8 मार्च की सुबह करीब 11:30 बजे आंकाक्षा की तबीयत खराब थी, जिस पर उसने अपने पति को अस्पताल ले जाने के लिए बोली। इस दौरान लोको पायलट पति खाना बना रहा था। उसने कहा कि खाना बनाने के बाद वो अस्पताल लेकर जाएगा।झूठे केस में फंसाने की दी धमकी और चली गई मायके
इस दौरान आकांक्षा ने अपने परिवार के लोगों को बुला लिया और जान से मारने के साथ ही झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगी। जिसके बाद वो अपनी बुआ के बेटे विक्की के साथ बच्ची को लेकर घर छोड़कर मायके चली गई।
तथ्यों की जांच के बगैर FIR करने पर सवाल
इधर, आकांक्षा और उसके भाई विक्की ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि घटना के दिन उसकी तबीयत खराब थी। पति अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ तो वो खुद जा रही थी। इस दौरान पति ने विवाद किया।
जब वो अपने भाई के साथ मायके चली गई, तब उसने थाने में झूठी FIR दर्ज करा दी है। पुलिस को पहले घटना की सच्चाई की जांच करनी चाहिए थी