रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर संघ और भाजपा की अहम बैठक शनिवार को हुई। सुबह 9.30 बजे से शाम 4 बजे तक करीब 6 घंटे संघ ने अपने महत्वपूर्ण संगठनों के साथ बैठक की। इसका मकसद था संगठनों के बीच आपसी समन्वय है या नहीं इसकी परिस्थिति को समझना। भाजपा समेत संघ के वो संगठन जो गांव-गांव और जनता के बीच जाकर काम करते हैं, इन्हें आपस में सामन्जस्य बनाने को कहा गया।
इसके बाद शाम को करीब 3 घंटे भाजपा के प्रदेश कार्यालय में भी पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक हुई। कांग्रेस को घेरने भाजपा ने इस बैठक में कई तरह के कार्यक्रम तय किए। दोपहर में संघ से मिले निर्देशों पर भी चर्चा हुई। लेकिन 2023 के चुनावों में कमान किसके हाथ होगी। इसको लेकर भाजपा में कंफ्यूजन अब भी बरकरार है। संगठन के युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा इनके कामों को लेकर बड़े नेता बेहद नाराज हैं और जल्द ही लोगों के बीच जाकर मोर्चा प्रभारियों को काम करने की सख्त हिदायत भी दी गई है।
संघ की बैठक में केंद्रीय नेतृत्व से अरुण कुमार पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश भाजपा के प्रभारी ओम माथुर, अध्यक्ष अरुण साव, भाजपा के महामंत्री ओपी चौधरी और विजय शर्मा की इस बैठक में शामिल होने की खबर रही। बैठक की शुरुआत में समन्वय पर बात हुई। इसके बाद भाजपा समेत अन्य सभी संगठनों ने अपने कामों के बारे में बताया। भाजपा नेताओं से ये पूछा गया कि कैसे कांग्रेस को घेरेंगे, क्या मुद्दे होंगे और कांग्रेस की तरफ से प्रोजेक्ट किए जा रहे विषयों की क्या काट होगी।
इस बैठक में किसी तरह की फोटोग्राफी नहीं की गई। न ही कोई आधिकारिक जानकारी मीडिया को दी गई। धर्मांतरित आदिवासियों की डिलिस्टिंग (आरक्षण की सुविधा ने उन्हें हटाने) को लेकर रायपुर में बड़ा आंदोलन होने जा रहा है। संघ ने इसे सफल बनाने का टास्क सभी को दिया है। साथ गांव-गांव जाकर परिवारों के बीच उनकी संस्कृति के संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम करने कहा गया है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य से जुड़े अभियान और कार्यक्रमों से लोगों को जोड़ने भी कहा गया है।
भाजपा 90 विधानसभा क्षेत्रों में अपने विस्तारक भेजेगी। ये चुनाव पूरे होने तक वहीं रहेंगे। वहां की गतिविधियों के बारे में पार्टी को फीडबैक देंगे। आने वाले महीने में भाजपा प्रदेश के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए एक बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम लॉन्च करेगी। ये पूरी तरह से सियासी चुनावी ट्रेनिंग का कार्यक्रम होगा। हर जिले और फिर प्रदेश में अलग-अलग मुद्दों पर आंदोलन होंगे। गांव-गांव जाकर नेताओं का आम लोगों से संवाद का कार्यक्रम होगा।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘मोर आवास मोर अधिकार’ अभियान की सफलता ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक मौसम बदल दिया है। मोर आवास- मोर अधिकार अभियान को मिले अभूतपूर्व जन समर्थन से कांग्रेस और उसकी सरकार की नींद उड़ गई है। हमारे कार्यकर्ताओं ने जीत का रास्ता बना लिया है और अब जनता के साथ लक्ष्य हासिल करने सुविचारित रूप से आगे बढ़ना है।
बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनी है। बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। पार्टी एक विस्तृत कार्ययोजना बनाकर सामाजिक सुरक्षा पखवाड़ा मनायेगी। अब विधानसभा चुनाव पर फोकस करना है, उनके स्थानीय मुद्दों पर फोकस करना है, इस पर कार्य योजना बनी है। स्थानीय मुद्दे को आधार बनाकर आंदोलन होगा। पीएम आवास, शराबबंदी, बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर आम जनता के बीच जाएंगे।
कोर कमेटी की इस महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश एवं प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और विक्रम उसेंडी, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय ,प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और गौरी शंकर अग्रवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता राम विचार नेताम, विधायक पुन्नूलाल मोहिले, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, विजय शर्मा, ओपी चौधरी उपस्थित थे।