‘भरोसे का सम्मेलन’ पर भाजपा का तंज, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा- क्या भरोसा खो चुकी है कांग्रेस…

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम को लेकर तंज कसते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भरोसा खो चुकी है? सीएम भूपेश बघेल के बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि हमारी चिंता छोड़ दें. उन्हें सिर्फ गांधी परिवार की चिंता करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने धान खरीदी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा है.

रमन सिंह के होते बीजेपी नेताओं की दाल नहीं गलने वाली सीएम भूपेश बघेल के इस बयान पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पलटवार किया है. अजय चंद्राकर ने कहा कि हमारी चिंता वह छोड़ दें. उनको सिर्फ गांधी परिवार की चिंता करनी चाहिए. सेट और भेंट के लिए सीएम को अपने जीवन समर्पण करना चाहिए.

संसद में राहुल गांधी के “रावण दो लोगों की सुनता था“ वाले बयान पर अजय चंद्राकर ने कहा कि रावण कितने लोगों की सुनता था, उसमें उनकी जानकारी कम है. मंदोदरी की रावण सुनते थे, उन्हें रामायण फिर से पढ़नी चाहिए. इसके अतिरिक्त उन्होंने अध्यात्म में, रामायण में, महाभारत में उदाहरण इसलिए दे रहे हैं. अभी वह दत्तात्रेय गोत्र भी बताएंगे. जिसने देश की आंतरिक सुरक्षा बिगाड़ी अब वह उदाहरण ला रहे हैं. ज्यादा बोल दो तो पुतला दहन करने लग जाते है. इसकी रेडीमेड दुकान खोलकर रखें है, चुनाव लड़ने के बजाय यह फिक्स काम है .

राजीव भवन में दुर्ग लोकसभा स्तरीय कांग्रेस की बैठक पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि रोज बैठक करें, दिनभर में बैठक करें. 5 मंत्रियों वाले अविभाजित दुर्ग जिले में सबसे भीषण पराजय कांग्रेस को झेलनी पड़ेगी. कौन से नए लोग जुड़ेंगे, इन्होंने किस वर्ग को नहीं छला है.

13 अगस्त को होने वाले कांग्रेस के ’भरोसे का सम्मेलन’ पर चंद्राकर ने कहा कि क्या कांग्रेस भरोसा खो चुकी है? जनता के बीच भरोसा खो चुकी है? गांधी परिवार से भरोसा खो चुकी है? तीन विदेशी सांसद है, उनका भरोसा खो चुकी है? धान खरीदी से लेकर जितने भी वादे है, उनकी मेरे से बहस हो जाए, उनके मंत्री मंडल के सहयोगी अगर आमंत्रण स्वीकार करते हैं तो बात इधर-उधर की करेंगे.

राज्य सरकार के 125 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी के लक्ष्य पर अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्य विषय समझना होगा कि राजनीति कैसे होती है. प्रदेश सरकार की रिपोर्ट है की वह एक लाख 25 हजार टन धान खरीदेंगे, केंद्र सरकार 46 लाख टन एफसीआई के माध्यम से धान उपार्जन करती है. उतना चावल देने के लिए यह धान पर्याप्त नहीं है, एक लाख 29 हजार टन चावल खरीदना पड़ेगा. लगभग 14 लाख टन चावल पीडीएस के लिए चाहिए, उसको यह सरकार कैसे प्रतिपूर्ति करेगी. क्या उतना धान छत्तीसगढ़ में उत्पादित होता है? यदि दोनों को जोड़ें तो एक करोड़ मैट्रिक लाख टन होता है. उतना धान प्रदेश में पैदा नहीं होता.

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के हितों के विपरीत जाकर मंडी टैक्स बढ़ा दिया है. किसानों को धान की कीमत पूरी नहीं मिलती. राज्य सरकार को यह जरूर बताना चाहिए कि केंद्र सरकार धान खरीदी में किन–किन चीजों की प्रतिपूर्ति करती है. राज्य सरकार उधार लेती है, कोई श्रेय दूसरी पार्टी को ना मिले इसलिए कांग्रेस राजनीतिक आरोप लगाती रहती है. छत्तीसगढ़ के धान को खरीदने के लिये प्रधानमंत्री का सभी लोगों के तरफ से हार्दिक अभिनंदन करते हैं. उन्होंने 86 लाख टन खरीदने का निर्णय लिया है, छत्तीसगढ़ के किसानों को उचित दाम दिलाने के लिये उचित कदम उठाया.

Exit mobile version