बृजमोहन अग्रवाल ने छोड़ी विधायकी, विधानसभा स्पीकर रमन सिंह को दिया इस्तीफा; फिलहाल मंत्री बने रहेंगे

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से नवनिर्वाचित सांसद बृजमोहन अग्रवाल अपने विधायकी के पद से इस्तीफा दे दिया है। वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के निवास स्थान पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। श्री अग्रवाल रायपुर दक्षिण से नौवीं बार विधायक बने थे। उनके साथ पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत, आरंग विधायक खुशवंत साहेब सहित बड़ी संख्या में समर्थकों का हुजूम उनके साथ पहुंचा।

इस्तीफा देने के बाद सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, मेरे लिए यह एक भावुक क्षण है और मैंने बड़े भावुक मन से इस्तीफा दिया है। केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे देश के सदन में सांसद के रूप में भेजा है। सांसद बनने के बाद विधानसभा से मैंने इस्तीफा दिया है। मैं मेरे समर्थकों को कहना चाहता हूं कि, मैं पहले की तरह आपका मोहन बना रहूंगा।

केंद्र में मंत्री ना बन का मलाल नहीं

केंद्र में मंत्री नहीं बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मुझे कोई मलाल नहीं है और मुझे मेरी पार्टी ने लगातार विभिन्न पदों पर जनता की सेवा करने क़ा अवसर दिया है। मंत्री पद से इस्तीफा देने के सवाल पर कहा उन्होंने कहा कि, ये मुख्यमंत्री जी का विशेषाधिकार है।

डहरिया अपना ऑफर और सम्मान अपने पास रखें

पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का न्योता दिया था। उसके इस न्यौते का जवाब देते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, वे अपना ऑफर और सम्मान अपने पास रखें।

बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इसमें लिखा है कि सांसद निर्वाचन होने के बाद विधायक का पद छोड़ रहे हैं।

डहरिया ने दिया कांग्रेस में आने का ऑफर

सांसद बृजमोहन अग्रवाल को पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कांग्रेस में आने का ऑफर दिया है। शिव डहरिया ने कहा कि, बीजेपी में सिर-फुटोव्वल की स्थिति बनी हुई है। बीजेपी में उनकी उपेक्षा की है, वो चाहें हमारी पार्टी में आ जाएं। अगर बृजमोहन मिलेंगे तो उनसे जरूर चर्चा करेंगे। वो जो चाहे वो मिलेगा।

जानिए बृजमोहन अग्रवाल का राजनीतिक सफर

बृजमोहन अग्रवाल का जन्म एक मई 1959 को रायपुर में हुआ था. काॅमर्स व आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन, एलएलबी की डिग्री भी ली है. साल 1986 में इनकी शादी सरिता देवी अग्रवाल से हुई. इनके 2 बेटे और 1 बेटी हैं. वे मध्यप्रदेश से बंटवारे से पूर्व भी मंत्री का पद संभाल चुके हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार भी प्रदान किया गया है. बृजमोहन ने मात्र 16 साल की उम्र में ही 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ले ली थी. वर्ष 1981 और 1982 के दौरान वे छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे. 1984 में वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने. 1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री भी रहे. 1990 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक चुनकर आए. वे राज्य के सबसे युवा एमएलए थे. इसके बाद से वे 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में विधायक चुने गए.