रायपुर। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने गुरुवार को किराया बढ़ाने की मांग को लेकर बस की बारात निकाली। ये बारात प्रदेश के हर शहर में निकाली गई। महंगाई की वजह से हुए प्रदेशस्तरीय इस आंदोलन का असर रायपुर में भी देखने को मिला। पंडरी बस स्टैंड पर गांधी टोपी लगाए बस संचालक जमा होने लगे। सभी ने हाथ में हमारी मांगे पूरी करो, महाबंद जैसी बातें लिखी तख्ती थाम रखी थी। बस स्टैंड के बाहर ही नारेबाजी शुरू हो गई। उनकी मांग थी कि जिस रफ्तार से डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, उसी तरह बसों का किराया भी बढ़ाया जाए। महंगे डीजल में कम किराए पर बसें चलाना मुश्किल हो रहा है।
पंडरी बस स्टैंड पर दर्जनों बस मालिकों की गाड़ियां लाकर खड़ी की गईं थीं। ये सभी धीरे-धीरे कर सरकार के जिम्मेदार लोगों से मिलकर अपनी मांगों से अवगत कराने बढ़ने लगीं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौजूद रहे। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बसों की ये बारात कलेक्टोरेट परिसर तक जाएगी। लेकिन बारात लेकर 100 मीटर ही चलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने बस ऑपरेटरों का रास्ता रोक दिया। यहां से पुलिस ने किसी को आगे जाने नहीं दिया। काफी देर तक यहां गहमागहमी का माहौल रहा।
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद बस ऑपरेटर परिवहन मंत्री के घर ज्ञापन देकर लौट गए। पदाधिकारियों ने इस दौरान एलान कर दिया कि यदि इनकी मांग नहीं मानी गई तो 13 जुलाई से पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा।
बीते सप्ताह शुक्रवार के दिन भी बस ऑपरेटरों ने रायपुर कलेक्टर से मुलाकात की। सभी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बसों का किराया बढ़ाने को लेकर सरकार का ध्यान इस ओर करें। ज्ञापन लिखा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार डीजल के दामों में की जाने वाली बढ़ोतरी की वजह से बस संचालन करना अब मुश्किल हो रहा है। राज्य के 1 लाख 8 हजार बस संचालकों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।