रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित CGPSC घोटाले में जेल में बंद कारोबारी श्रवण गोयल के पुत्र शशांक गोयल और बहू भूमिका की जमानत याचिका खारिज हो गई है. दरअसल, दोनों की जमानत याचिका पर आज सीबीआई की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से मामले में बहस हुई. सीबीआई ने घोटाले में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जमानत का विरोध किया और प्रकरण के विवेचनाधीन होने का हवाला देते हुए कहा कि जमानत मिलने से जांच और साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश लीलाधर साय यादव ने जमानत याचिका खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा/साक्षात्कार में टामन सोनवानी के रिश्तेदारों समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर CBI ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में CBI ने CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है.
ये है पूरा मामला
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. EOW और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2,565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेन्स परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.