वहीं शासन ने शपथपत्र में बताया कि मामले में हेडमास्टर को सस्पेंड किया गया है। साथ ही मध्यान्ह भोजन का काम महिला स्वसहायता समूह से छीन लिया गया है। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शासन से चार बिंदुओं पर शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था।
दरअसल, 29 जुलाई को बलौदाबाजार जिले के पलारी ब्लॉक के लच्छनपुर गांव के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के नाम पर बड़ी लापरवाही सामने आई थी। यहां मध्यान्ह भोजन के लिए बच्चों को दिए जाने वाले खाना को आवारा कुत्तों ने जूठा कर दिया था।
वैक्सीन लगाने पर HC ने लिया संज्ञान
छात्रों ने जब शिकायत की, तब भी उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया और उन्हें कुत्तों के जूठे भोजन को परोस दिया गया। जब छात्रों ने यह बात अभिभावकों को बताई तो स्कूल समिति की बैठक हुई।
इसके बाद दबाव में आकर विद्यार्थियों को दो डोज एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 84 बच्चों ने भोजन किया, जिसमें से 78 को वैक्सीन दी गई। इसी पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
हाईकोर्ट ने प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने दिया आदेश
मंगलवार को सुनवाई के दौरान शासन ने शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि स्कूल के हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। मध्यान्ह भोजन का काम करने वाली महिला स्वसहायता समूह को हटा दिया गया है।
भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए विभाग के अफसरों को दिशानिर्देश जारी कर मानिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।