जानिए क्या है आदेश में?
सीएमएचओ ने 29 अगस्त को एक आदेश जारी किया। जिसमें 13 अगस्त को स्टेट हेल्थ सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति की बैठक में एनएचएम कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय लिए जाने की बात कही। साथ ही कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे तत्काल अपने कार्य पर लौट जाएं अन्यथा नियमानुसार उनकी सेवा समाप्ति की अनुसंशा की जाएगी। इसके लिए सभी कर्मचारी ही जिम्मेदार होंगे। सोमवार को सीएमएचओ दफ्तर पहुंचेंगे कर्मचारी
एनएचएम कर्मचारी संघ के दुर्ग जिला अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि सोमवार को जिले के 850 कर्मचारी सीएमएचओ दफ्तर पहुंचकर अधिकारी के सामने आदेश की कॉपी फाड़कर फेकेंगे। सीएमएचओ के इस दमनकारी कार्रवाई के खिलाफ हम सभी कर्मचारी आगे भी लड़ाई जारी रखेंगे।
जानिए किन मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
एनएचएम कर्मियों की प्रमुख मांगों में संविलियन और स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड-पे निर्धारण, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल और अन्य अवकाश की सुविधा, स्थानांतरण नीति, न्यूनतम 10 लाख तक केशलैस चिकित्सा बीमा सुविधा समेत अन्य मांग शामिल है।
हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और टीकाकरण अभियान में असर देखने को मिल रहा है। कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी मांगों को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे नाराज होकर उन्होंने हड़ताल का रास्ता अपनाया है। स्वास्थ्य सेवाएं हो रही प्रभावित
हड़ताल के चलते जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण अभियान पर असर पड़ा है। इसके अलावा, सामान्य मरीजों को भी इलाज में काफी दिक्कत हो रही है।
कई स्वास्थ्य शिविर भी स्थगित कर दिए गए हैं। कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों का समाधान नहीं किया जाएगा, हड़ताल जारी रहेगी। वहीं जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपने काम पर लौट आएं, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन सामान्य रूप से हो सके।