वहीं घंटों इंतजार के बाद भी कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचा। इससे नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा पत्र कार्यालय की दीवार पर चिपका दिया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ट्रिपल इंजन सरकार होने के बावजूद गांव में भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बता दें कि यह गांव जिला पंचायत सदस्य का गृह ग्राम है, जो स्वयं भाजपा से हैं। कलेक्टर के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र में भी भाजपा की सरकार है, फिर भी उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
आश्वासन मिले, लेकिन कार्रवाई नहीं
उन्होंने बताया कि पिछले पंचवर्षीय में गांव में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ, जिसकी शिकायत कलेक्टर सहित कई स्तरों पर की गई, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई बार आश्वासन मिले, लेकिन कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई।
केंद्र में भाजपा की सरकार और आदेश होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही। करीब 400 कार्यकर्ता इस्तीफा देने पहुंचे, लेकिन पदाधिकारी के नहीं आने पर इस्तीफा पत्र कार्यालय के बाहर छोड़कर लौट गए।