शुरुआत में राजनांदगांव में सामने आई थी गड़बड़ी
महाधिवक्ता प्रफुल्ल और भारत में शासन का पक्ष रखते हुए बताया कि भर्ती की प्रक्रिया के शुरुआत में राजनांदगांव में गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी और स्वत: संज्ञान लेकर जांच कराई गई।
फिर राजनांदगांव सहित 9 जिलों में गड़बड़ी की जांच की गई। जिसमें 5 जगह पर योग्य उम्मीदवार मिले। वहीं बच्चे चार जगह जिसमें राजनांदगांव शामिल था, उसमें जांच कर फिर की गई और कुछ अधिकारियों पर विभागीय जांच भी कराई गई है।
उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति को चुनौती देने का अधिकार
वहीं सुनवाई के दौरान बताया गया कि याचिकाकर्ता के रूप में आठ उम्मीदवार में से 4 उम्मीदवार फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए 14 सितंबर 2025 को परीक्षा देंगे। जिस पर कोर्ट ने कहा कि आठ में से चार उम्मीदवारों को 14 सितंबर 2025 को आयोजित होने वाले शारीरिक प्रशिक्षण में शामिल होना है। अन्य याचिकाकर्ता जिनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, उन्हें उचित मंच के समक्ष उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति को चुनौती देने का अधिकार है। वहीं न्यायालय ने याचिकाकर्ता को वापस लिए जाने के कारण खारिज कर दिया गया है।