छत्तीसगढ़ में ई-चालान के नाम पर साइबर ठगों ने पार्षद और कारोबारी से करीब 10 लाख की ठगी की

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में ई-चालान के नाम पर साइबर ठगों ने पार्षद और कारोबारी से करीब 10 लाख की ठगी की है। ठगों के निशाने में दुर्ग, बिलासपुर के पार्षद और रायपुर कारोबारी आए है। ठगों ने ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग के नाम पर नकली ई-चालान लिंक भेजकर उनके खाते से पैसे पार कर दिए। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, दुर्ग में पार्षद के मोबाइल में ई-चालान भरने का लिंक आया। जैसे ही लिंक पर क्लिक किया गया खाते से पैसे अपने आप कट गए। पीड़ितों ने बताया कि जिस नंबर से व्हाट्सएप में मैसेज आया उसकी प्रोफाइल में छत्तीसगढ़ पुलिस का लोगो भी लगा था। ठगों के इस नए ट्रेंड के बाद परिवहन विभाग ने लोगों को अलर्ट किया है।

दुर्ग के पार्षद से 89,500 की ठगी

दुर्ग जिले के मठपारा वार्ड के पार्षद नरेन्द्र कुमार बंजारे को 9 सितंबर को मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज में यातायात नियम तोड़ने का हवाला देते हुए ई-चालान भरने कहा गया।

बंजारे ने जैसे ही लिंक पर क्लिक कर यूपीआई से भुगतान करना चाहा, दो बार में 49,500 और 40,000 रुपए खाते से निकल गए। ठगी का एहसास होते ही उन्होंने तुरंत थाने में शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल दुर्ग कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बिलासपुर के पार्षद से 3 लाख की ठगी

बिलासपुर के दयालबंद वार्ड 36 के पार्षद बंधु मौर्य इस साइबर ठगी का बड़ा शिकार बने। 3 सितंबर की शाम उनके वॉट्सएप पर छत्तीसगढ़ पुलिस का लोगो लगा आरटीओ ई-चालान लिंक आया। लिंक पर क्लिक करते ही उनसे आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक डिटेल्स जैसी गोपनीय जानकारी मांगी गई। पार्षद ने इसे असली समझकर जानकारी भर दी।

इसके बाद उनके एचडीएफसी खाते से लगातार ट्रांजेक्शन होते रहे और देखते ही देखते तीन लाख रुपए पार हो गए। ठगों ने राशि को अलग-अलग खातों और वॉलेट्स में ट्रांसफर कर दिया। मामले की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है।

रायपुर में भी कारोबारी बने शिकार

राजधानी रायपुर के 2 अलग-अलग कारोबारियों से 6 लाख की ठगी हुई है। गुढ़ियारी के एक कारोबारी से 4 लाख और पुरानी बस्ती के एक युवक से 2 लाख की ठगी हुई। दोनों ही मामलों में पीड़ितों को पहले फर्जी ई-चालान का मैसेज भेजा गया और लिंक क्लिक करते ही रकम उनके खातों से उड़ गई।

परिवहन विभाग ने जारी की है एडवाइजरी

लगातार आ रही शिकायतों के बाद परिवहन विभाग की ओर से वेबसाइट पर एडवाइजरी जारी की गई है। दुर्ग के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एसएल लकड़ा ने कहा कि साइबर ठग नकली ई-चालान के नाम पर मोबाइल पर डराने वाले मैसेज भेज रहे हैं।

इनमें दिए गए लिंक या (डॉट एपीके फाइल) पर क्लिक करवाकर लोगों की निजी जानकारी और बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि किसी भी वाहन चालक को असली ई-चालान की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट echallan.parivahan.gov.in पर ही मिलेगी।

इसके लिए ई-चालान पेज पर जाकर पे ऑनलाइन पर क्लिक कर, चालान नंबर और कैप्चा डालना होगा। इसके बाद मोबाइल पर आने वाले ओटीपी के जरिए ही चालान विवरण देखा जा सकता है।

परिवहन और पुलिस विभाग जब भी ई-चालान जारी करते हैं तो पंजीकृत मोबाइल नंबर पर केवल विभागीय पोर्टल से ही एसएमएस भेजा जाता है। इसलिए किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या ऐप पर भरोसा न करें।

फाइल को डाउनलोड न करें

ई-चालान स्कैम को ट्रैफिक पुलिस की अलर्ट मोड पर है। ट्रैफिक डीएसपी सदानंद विंध्यराज ने कहा है कि वाहन मालिक भुगतान के लिए फर्जी RTO E-CHALLAN.apk फाइल को डाउनलोड न करें, बल्कि अधिकृत वेबसाइट का उपयोग करें नहीं तो अनजान लिंक को क्लिक करने से स्कैम के शिकार हो सकते हैं।

ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ई-चालान तैयार कर उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजती है, जिसमें ई-चालान को देखने व भुगतान के लिए अधिकृत वेबसाइट लिंक भी इम्बेड किया जाता है, जिसमें चालान कर्ता के लिए अथॉरिटी से संपर्क करने का निर्देश रहता है।

मोबाइल को हैक कर देते हैं ठगी को अंजाम

सायबर एक्सपर्ट का कहना है कि फोन पर आए ई-चालान के फर्जी लिंक को क्लिक होते ही मोबाइल फोन या कम्प्यूटर को हैक करने वाली एक फाइल डाउनलोड हो जाता है, जिसके जरिए फोन का नियंत्रण ठगों के हाथ में चला जाता है, जिससे साइबर ठग वाहन मालिक के बैंक खातों पर आसानी से डाका डालने में सफल हो जाते हैं।

इससे बचने के लिए किसी ई-चालान मैसेज के साथ कोई लिंक मिलता है, तो उस पर कभी क्लिक न करें। कभी भी किसी अजनबी को ऑनलाइन पैसे का भुगतान न करें, और अपने खाते से किसी भी लेने-देन से सावधान रहें। किसी भी धोखेबाज कॉल, संदेश या ऐप के संबंध में निकट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।

Exit mobile version