यही वजह है कि जिले के साथ ही प्रदेश भर से लोग इसकी भव्यता को देखने पहुंच रहे हैं। रविवार को नवरात्र पर्व पर सड़कों पर भीड़ का रेला लग गया। हर जगह जाम की स्थिति बनी रही। यातायात व्यवस्था बनाने में पुलिस के पसीने छूट गए। दोपहर से लेकर रात 3 बजे तक गोंड़पारा स्थित पंडाल में भीड़ लगी रही। तीन दिन उत्सव, 500 से अधिक पंडाल
शहर में नवरात्र पर्व पर हर साल तीन दिनों के मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है, जिसमें आकर्षक लाइटिंग और झांकियां सजाई जाती है, जिसे देखने के लिए शहर के साथ ही जिले भर से लोग पहुंचते हैं। रविवार से यह उत्सव शुरू हो गया है। हर जगह चौक-चौक चौराहों पर दुर्गा पंडाल में देवी प्रतिमा की स्थापना की गई है। शहर में इस तरह से 500 से अधिक दुर्गा पंडाल सजाए गए हैं। कोलकाता में देखा गुपचुप वाला पंडाल, गुपचुप पर विराजीं माता
मसानगंज स्थित नवयुवक दुर्गोत्सव समिति हर साल नए-नए थीम पर पंडाल की सजावट कर देवी मां की प्रतिमा स्थापित करता है। पिछले साल चॉकलेट से पंडाल सजाया गया था। समिति का 57वां वर्ष है। लिहाजा, शहर के सभी पंडालों से हटकर यहां गुपचुप थीम पर पंडाल सजाया गया है।
जहां गुपचुप पर देवी मां विराजित हैं। 5 लाख गुपचुप का पंडाल बनाया गया है। पंडाल के अंदर गुपचुप पर मां अंबे के साथ भगवान गणेश और कार्तिकेय विराजमान हैं। आयोजकों ने बताया कि कोलकाता में इस थीम पर सजे पंडाल को देखकर यहां भी प्रयोग किया है, जो लोगों के लिए एकदम नया है। गोलबाजार में सोलह श्रृंगार वाला पंडाल
गोलबाजार के नवयुवक दुर्गोत्सव समिति पिछले 63 साल से नवरात्र पर्व मना रहा है। इस बार यहां सोलह श्रृंगार की सामग्री से मां का पंडाल को सजाया गया है, जो लोगों को आकर्षित कर रहा है। पंडाल में दुर्गा मां की 15 फीट की श्रृंगारिक मूर्ति स्थापित की गई है।
देवी स्थापना के पहले उज्जैन के डमरू, रायपुर की स्केटिंग रंगोली, मेरठ से मां काली, राधा–कृष्ण और भगवान शंकर की झांकी के साथ 501 दीपों से मां की आरती की गई। इस दौरान आतिशबाजी और लाइट शो भी हुआ।