एनएसयूआई ने रायपुर के लोधीपारा, शंकर नगर, मोवा और पंडरी जैसे इलाकों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां हर दिन जाम की स्थिति बनती है। संगठन के मुताबिक, स्कूल और दफ्तर के समय पर हालत सबसे ज्यादा खराब होती है। न सिर्फ छात्र और कर्मचारी, बल्कि आपातकालीन सेवाएं भी ट्रैफिक में फंस जाती हैं।
एनएसयूआई का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी नदारद रहती है और सिग्नल या तो बंद रहते हैं या समय से नहीं चलते। इससे लोग कई किलोमीटर लंबी कतारों में फंसे रहते हैं।
ये हैं NSUI की 3 प्रमुख मांगें
ज्ञापन में एनएसयूआई ने यातायात विभाग से तीन मुख्य मांगें कीं, जिसमें शहर के सभी व्यस्त चौक-चौराहों पर प्रभावी ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाए। स्कूल और दफ्तर के समय ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी तय हो और अवैध पार्किंग और अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।
नहीं सुधरा ट्रैफिक तो सड़क पर उतरेंगे
एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने कहा कि यह प्रदर्शन एक प्रतीकात्मक विरोध था। अगर जल्द ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो संगठन सड़कों पर उतरेगा और आंदोलन किया जाएगा।
राजधानी में ट्रैफिक बना सबसे बड़ा संकट
उन्होंने कहा कि शह की ट्रैफिक व्यवस्था पिछले कुछ महीनों में लगातार बिगड़ी है। बिना योजना के निर्माण कार्य, बढ़ते वाहन, अतिक्रमण और पार्किंग की समस्या ने हालात और खराब कर दिए हैं। वहीं, लोगों का कहना है कि अगर अब भी ध्यान नहीं दिया गया, तो राजधानी पूरी तरह जाम में घिर जाएगी।