सरेंडर नक्सली भूपति ने कहा- मैं गद्दार नहीं हूं

Chhattisgarh Crimesसरकार के सामने हथियार डालने के बाद डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि संगठन के लोग मुझे गद्दार कह रहे हैं, लेकिन मैं गद्दार नहीं हूं। वर्तमान की परिस्थितियां बदल गई हैं। इसलिए अपने अन्य 60 साथियों के साथ हथियार डाला हूं।

भूपति का कहना है कि, आज भी देश में संगठन में मौजूद कई साथी इलाका और सत्ता अपनाने के लिए हथियारबंद संघर्ष में डटे हुए हैं। इस रास्ते पर चलकर ही हम जनता से दूर हुए हैं। ये इस रास्ते की विफलता को दर्शाता है। हमने अपने साथियों को खोने के बाद सरेंडर का फैसला लिया। अब हम हथियार छोड़कर, जनता के बीच रहकर उनके लिए काम करना चाहते हैं।

भूपति ने अपने साथियों से भी सरेंडर करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने एक नंबर भी जारी किया है, जिस पर हिंसा छोड़ने की इच्छा रखने वाले नक्सली उनसे संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि संगठन के भीतर वैचारिक संकट गहराता जा रहा है। यह समय बंदूक उठाने का नहीं बल्कि आत्ममंथन का है। जनता की लड़ाई अब जनता के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीकों से लड़ी जानी चाहिए।

दरअसल, भूपति ने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सरकार के सामने हथियार डाल दिए थे। सरेंडर करने के बाद भूपति ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।

हमने कई साथियों को खोया- भूपति

भूपति ने नक्सल संगठन में मौजूद अपने साथियों से अपील की है कि वे भी हिंसा का रास्ता छोड़ दें और सरेंडर कर दें। भूपति का कहना है कि हमने जिन साथियों को खोया है उसके लिए अब बदलाव जरूरी है। सेंट्रल कमेटी सारी परिस्थितियों को समझ रही है। लेकिन संघर्ष पर बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं है। ये उनकी कठमुल्लावाद तरीका को दर्शाता है।

भूपति ने कहा हथियार छोड़कर जनता के बीच में आकर काम करें। छत्तीसगढ़ में लीडर रूपेश के साथ सैकड़ों साथियों ने हिंसा छोड़ दी है। अब कानून के दायरे में रहकर हम जनता के बीच में रहकर काम करेंगे।

सपंर्क के लिए नंबर जारी किया

भूपति ने साथियों के लिए अपना एक कॉन्टैक्ट नंबर जारी किया है। 8856038533 नंबर जारी कर कहा है कि इस नंबर पर उससे सीधे संपर्क करे। इसके अलावा सरेंडर नक्सली रूपेश का नंबर 6267138163 भी जारी किया है।

रूपेश ने भी नक्सल संगठन को दिया था जवाब

भूपति के सरेंडर करने के बाद सीसी मेंबर रूपेश ने भी छत्तीसगढ़ सरकार के सामने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद रूपेश ने भी एक वीडियो जारी किया। रूपेश ने कहा कि महासचिव बसवा राजू भी चाहते थे कि संघर्ष विराम हो। इसी बीच बसवा राजू का एनकाउंटर हो गया। हमे अपने साथियों की चिंता है। हमें भविष्य के बारे में सोचना था। रूपेश ने माओवाद संगठन पर सवाल खड़े किए।

उन्होंने कहा कि दंडकारण्य की बैठक में भी उन्हें नहीं बताया कि उत्तर बस्तर साथी क्या सोच रहे हैं। सरेंडर नक्सली लीडर ने कहा कि नुकसानों को लेकर पार्टी हमें जिम्मेदार ठहरा रही है, यह गलत है। हमने पार्टी को बचाने के लिए सरेंडर किया है। मैं अपने किसी भी साथी को दबाव डालकर सरेंडर करवाने नहीं लाया हूं।

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