
मृतक के बड़े भाई सुंदरलाल ने बताया कि शिवलाल रोजी-मजदूरी करता था। शनिवार (1 नवंबर) शाम वह मजदूरी कर घर लौटा था और भैंसमा बाजार घूमने गया था। वापस आकर खाना खाने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया था।
सुंदरलाल के अनुसार, सुबह जब शिवलाल ने आवाज देने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और कमरे से बाहर नहीं आया, तब परिजनों ने अंदर जाकर उसे उठाने की कोशिश की।
उन्हें उसकी मौत कब, कैसे और किन परिस्थितियों में हुई, इसकी कोई जानकारी नहीं है। शिवलाल को कोई बीमारी या परेशानी नहीं थी। वह तीन भाइयों और एक बहन में सबसे छोटा था और मेहनती होने के साथ-साथ घर में आर्थिक सहायता भी करता था।
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी ने जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल से मिले मेमो के आधार पर परिजनों के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।