
जानकारी के मुताबिक, 31 अक्टूबर को टाटीबंध के छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 9 छात्रों के एक ग्रुप ने ब्लू वाटर खदान में घूमने का प्लान बनाया। सभी बच्चे स्कूल बंक करके स्कूल यूनिफॉर्म में ही घूमने आ गए।
इसी बीच दो छात्र जयेश साहू और मृदुल ब्लू वाटर में नहाने उतरे। नहाने के दौरान जयेश और मृदुल गहरे पानी में चले गए और डूब गए। उनके दोस्तों ने जब उन्हें पानी में डूबता देखा, तो शोर मचाया और आसपास के लोगों से मदद मांगी।
अलग-अलग दिन मिले दोनों के शव
यह इलाका आउटर में होने के कारण कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान चलाया। रात होने के कारण रेस्क्यू अभियान बंद किया गया।
शनिवार (1 नवंबर) को जयेश साहू और रविवार (2 नवंबर) को मृदुल का शव बरामद किया गया है।
जो छात्र स्कूल से बंक कर घूमने गए थे उनमें मृदुल, जयेश साहू, आशुतोष पांडे, आयुष प्रताप सिंह, विरल राज, रमेश पुनिया, ऋषिराज, आदर्श शुक्ला और प्रियेश गोस्वामी शामिल थे। पिछले 8 सालों में 9 की मौत
ब्लू वाटर खदान में यह कोई पहली घटना नहीं है। 2017 से अब तक यहां डूबने से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। बारिश के बाद खदान में पानी भरने से यह तालाब जैसा रूप ले लेता है, जहां स्थानीय लोग और बच्चे नहाने या घूमने जाते हैं। इसके बावजूद यहां न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, न ही बाउंड्री या सुरक्षा व्यवस्था की गई है। नवा रायपुर के ब्लू वाटर खदान में कब-कब हुआ हादसा
2017 में देवेंद्र नगर की 17 साल की सुनैना की डूबने से मौत हो गई।
मई 2019 को दोस्तों के साथ गए 17 साल के मोहन बाघ की डूबने से मौत।
मार्च 2023 को पिकनिक मनाने गए दो दोस्तों की डूबने से मौत हो गई।
जून 2023 को दोस्तों के साथ नहाने गए तीन युवक नदीम, फैजल और शहबाज की मौत हो गई।