
लेकिन, सोमवार (3 नवंबर) से कम्प्यूटर ऑपरेटर्स, सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने अपनी चार सूत्रीय मांगें पूरी होने के बाद भी काम पर लौटने की चेतावनी दी है।
ऐसे में कर्मचारियों की हड़ताल और शनिवार-रविवार अवकाश के चलते 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने पर संशय की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि कर्मचारियों की समय पर वेतन, कमीशन और पेनाल्टी राशि समेत 4 मांग है।
धान खरीदी पर फंसे पेंच
राज्य शासन के निर्देशानुसार 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की तैयारी है, लेकिन इसमें कई पेंच फंस गए हैं। 15 नवंबर को शनिवार और 16 नवंबर को रविवार होने के कारण सरकारी अवकाश रहेगा, जिसने अधिकारियों को असमंजस में डाल दिया है कि खरीदी वास्तव में कब से शुरू की जाए।
दूसरी तरफ सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा ने भी खरीदी शुरू होने को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। जिला सहकारी बैंक ने 15 नवंबर की तारीख के हिसाब से तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन 15 नवंबर को शनिवार पड़ने से नियमों के अनुसार धान खरीदी नहीं की जाती है।
16 नवंबर को रविवार है। पुराने नियमों का पालन किया जाए तो खरीदी सोमवार, 17 नवंबर से शुरू होनी चाहिए।
नारेबाजी कर किया प्रदर्शन, कहा- वर्षों से लंबित है मांग
सोमवार को छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ और समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। बिलासपुर में इस आंदोलन की शुरुआत कोन्हेर गार्डन से हुई, जहां कर्मचारी बड़ी संख्या में एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने 24 अक्टूबर को जिला स्तरीय धरना और 28 अक्टूबर को संभाग स्तरीय प्रदर्शन करके सरकार को अल्टीमेटम दिया था। उस दौरान मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया था।
लेकिन, सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन न मिलने के बाद अब कर्मचारियों ने 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांगें वर्षों से लंबित हैं, जिन पर सरकार सिर्फ आश्वासन देती रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
टोकन के बगैर कैसे होगी खरीदी
सहकारी समिति के अध्यक्ष कमल पाटनवार ने बताया कि उनकी मांगों पर अफसरों से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगें मानने की दिशा में कोई कोशिश नहीं कर रही है और संघ के पदाधिकारियों को मिलने भी नहीं बुलाया गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार जब तक हमारी मांगें नहीं मानती, हम टोकन नहीं काटेंगे। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन और बैंक प्रबंधन शासन के निर्देशों का पालन करने की तैयारी में जुटा है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मिश्रा ने बताया कि जिन किसानों का पंजीयन हुआ है, उनसे शासन के निर्देश के अनुसार धान की खरीदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी समिति के कर्मचारियों की हड़ताल के बीच भी धान खरीदी शुरू करने को लेकर लगातार तैयारी की जा रही है।