
पेट्रोल बिक्री की राशि को अपने और पिता-भाई के अकाउंट में किया ट्रांसफर
हालांकि, नीरज की नीयत खराब हो गई और उसने पेट्रोल बिक्री व अन्य लेनदेन की राशि बैंक में जमा करने के बजाय अपने, अपने भाई और पिता के खातों में जमा करना शुरू कर दिया। उसने इन पैसों को जुए और सट्टे में भी लगाया। यह गबन 26 जनवरी 2024 से 23 सितंबर 2024 के बीच किया गया।
गबन पता चलने पर मैनेजर काम छोड़कर हुआ फरार
गबन का पता चलने पर मैनेजर नीरज काम छोड़कर फरार हो गया। पेट्रोल पंप संचालक ने खातों का मिलान किया तो 68 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई, जिसके बाद बम्हनीडीह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। ट्रेन से पकड़ाए आरोपी ने जुर्म कबूला
शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों की तलाश के लिए साइबर सेल को जिम्मेदारी सौंपी। साइबर सेल की टीम ने कई मोबाइल लोकेशन ट्रेस किए और 40 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद नीरज कुमार साहू को रायपुर से रायगढ़ के बीच ट्रेन में पकड़ा। पूछताछ में आरोपी ने पेट्रोल पंप से 68 लाख रुपये से अधिक का गबन करना स्वीकार किया है। उसके पास से 50 हजार रुपये बरामद हुए हैं।