
जानकारी के मुताबिक, SECL के झिलमिली कॉलरी में कार्यरत कॉलरी-कर्मी सुबरन शनिवार को लकड़ी लेने के लिए अपनी पत्नी के साथ जंगल की ओर गया था। बड़कापारा के पास पेड़ पर छत्ते की मधुमक्खियों ने दोनों पर हमला कर दिया। दोनों बचने के लिए भागे। सुबरन को मधुमक्खियों ने डंक मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वे भागने के दौरान रास्ते में ही गिर गए। वहीं उनकी पत्नी किसी तरह भाग निकली।
रैनकोट पहुंचकर पहुंचे ग्रामीण
मधुमक्खियों के हमले में सुबरन के घायल होने की सूचना ग्रामीणों को मिली तो वे रैनकोट पहुंचकर उन्हें बचाने के लिए पहुंचे। सुबरन गंभीर अवस्था में पड़े थे। उन्हें ग्रामीण सड़क तक लाए फिर उन्हें पास के पटना हॉस्पिटल के बजाय 30 किलोमीटर दूर चरचा रीजनल हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अंबिकापुर रेफर कर दिया।
परिजन और ग्रामीण कॉलरी-कर्मी को लेकर अंबिकापुर के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही सुबरन राम की मौत हो गई। सुबरन राम की पत्नी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। सूचना पर पटना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
एक सप्ताह में दूसरी मौत
मधुमक्खियों के काटने के कारण एक सप्ताह में यह दूसरी मौत है। 2 नवंबर को बकरी चराने गई 10 महिलाओं पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। इनमें खोंड निवासी पांचो बाई (52) की मौत हो गई थी। 9 अन्य घायल हो गए थे, जो अब स्वस्थ हैं। एक सप्ताह में दूसरी घटना को लेकर लोग सहमे हुए हैं।
इस मामले में जनपद सदस्य रंजीत प्रसाद मंडल ने कोरिया DFO को पत्र लिखकर मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिलाने एवं मधुमक्खियों को बड़कापारा जंगल से हटाए जाने की मांग की है।