
इस पर कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि, टीएस सिंहदेव के कहने पर मल्लू पाठक (सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष) मेरे खिलाफ FIR करने थाने पहुंचे थे। सिंहदेव चाहते हैं कि, आदिवासी नेता के खिलाफ FIR दर्ज करके दबाया जाए।
बृहस्पति सिंह ने कहा कि इनके ऐसा करने से मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं चाहता हूं आजादी, बोलने की आजादी, काम करने की आजादी। कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से काम कर सके, इसकी आजादी। मैं नहीं चाहता कि मल्लू पाठक की तरह, सामंत शाहों के कब्जे में रहकर सरगुजा कांग्रेस की राजनीति चले, मैं ऐसा नहीं चाहता।
बृहस्पति कांग्रेस में परेशान हैं, तो वे बीजेपी में आ जाएं- पुरंदर मिश्रा
वहीं बृहस्पति सिंह के बयान के बाद रायपुर उत्तर से बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि, अगर बृहस्पति सिंह कांग्रेस में परेशान हैं, तो वे बीजेपी में आ जाएं। बीजेपी बड़ी दिल वाली पार्टी है। समुद्र में एक लोटा पानी आए या चला जाए, कोई फर्क नहीं पड़ता।
अब जानिए बृहस्पति सिंह ने क्या कहा था ?
कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने शनिवार को कहा था कि, बलरामपुर, बैकुंठपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर और जशपुर जिलों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। दावेदारों को एक नंबर से कॉल आ रहे हैं। फोन से दावेदारों से डील की जा रही है। पैसों की डिमांड की जा रही है।
बृहस्पति सिंह ने कहा कि दावेदारों से कहा जा रहा है कि वह जरिता मैडम के पीए हैं। कॉल से दावेदारों को कहा जा रहा है कि जरिता जी बात करेंगी, फिर एक महिला की आवाज में ‘5 से 7 लाख दो, जिलाध्यक्ष बना देंगे’ जैसी बातें कही जा रही हैं।
बृहस्पति सिंह ने कांग्रेस की पूर्व छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा पर भी बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि विधानसभा टिकट बांटने के वक्त भी शैलजा ने कई प्रत्याशियों से पैसे वसूले थे। शैलजा की वजह से छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमजोर हुई और अब वही सिलसिला फिर दोहराया जा रहा है।
कांग्रेस ने बृहस्पति सिंह के आरोपों को बताया था झूठा
वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बृहस्पति सिंह के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया था। उन्होंने कहा था कि, बृहस्पति सिंह के आरोप बेबुनियाद हैं। वो कांग्रेस से निष्कासित हैं।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा था कि कांग्रेस में आने का प्रयास भी कर रहे थे, लेकिन उनके आवेदन पर विचार नहीं हुआ है। मुझे ऐसा लगता है कि वो राजनीति से प्रेरित आरोप लगा रहे हैं।
वहीं इस पूरे विवाद पर दैनिक भास्कर डिजिटल की टीम ने जब कांग्रेस की सहप्रभारी जरिता लैतफलांग से बात की और उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने “नो कमेंट” कहकर, इस विषय पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था।
अब पढ़िए क्या है सिंहदेव और बृहस्पति सिंह का विवाद ?
दरअसल, बीते दिनों बृहस्पति ने कहा था कि टीएस सिंहदेव अच्छे नेता हैं। वे सोच तो छत्तीसगढ़ का नेता बनने का रखते हैं, लेकिन उनकी सोच सरगुजा संभाग से ऊपर नहीं उठ पाई। हालांकि सिंहदेव को लेकर बृहस्पति सिंह इसके पहले यह भी कह चुके हैं कि टीएस सिंहदेव महाराजा हैं, मेरी हत्या करवा सकते हैं।
वहीं बृहस्पति सिंह के बयान पर दीपक बैज ने कहा कि सिंहदेव हमारे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वे हमेशा पार्टी का नेतृत्व करते रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के नेता हैं। उनकी सोच सिर्फ सरगुजा तक सीमित नहीं है। कांग्रेस में कहीं भी ‘निपटो-निपटाओ’ की स्थिति नहीं है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए लड़ रहे सीनियर नेता
बृहस्पति सिंह ने दिल्ली में राहुल गांधी से हुई बैठक का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि राहुल ने पूछा था कि आखिर छत्तीसगढ़ में सरकार क्यों नहीं बन पा रही। इस पर बृहस्पति ने जवाब दिया था कि वरिष्ठ नेताओं को ठीक कर दीजिए, तब सब संभल जाएगा।
उनका कहना था कि जनता और सभी वर्ग के लोग कांग्रेस की सरकार चाहते हैं, लेकिन एक ही मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सभी बड़े नेता लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री की एक कुर्सी है, लेकिन सभी वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, जो संभव नहीं है। इसके कारण एक-दूसरे के समर्थकों को हराना चाहते हैं।
TS बोले- अपने अनुभव पर दिया बयान, माफी नहीं मांगी
बृहस्पति सिंह के बयान पर पूर्व डिप्टी सीएम TS सिंहदेव ने कहा था कि बृहस्पति सिंह ने अपने अनुभव के आधार पर बयान दिया है। कम से कम मुझे अच्छा नेता तो कहा। बृहस्पति सिंह ने बयान दिया था कि मैं उनकी हत्या करना चाहता हूं, यह कदापि स्वीकार्य नहीं है।
अब पढ़िए बृहस्पति सिंह के कुछ विवादित और चर्चित बयान
1. सिंहदेव पर हत्या की साजिश का आरोप
बृहस्पति सिंह ने जुलाई 2021 में टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि टीएस सिंहदेव महाराजा हैं, वो मेरी हत्या करवा सकते हैं। बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमला हुआ था, इसे लेकर टीएस सिंहदेव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने मीडिया से कहा था कि जान से मारने की कोशिश की गई है। इसके पीछे सिंहदेव का हाथ है।
2. पत्रकारों पर ‘अंगूठाछाप आदिवासी’ वाला बयान
बृहस्पति सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवाल पूछने के अंदाज पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि आप पहले पत्रकार बनिए, पहले अपने सवाल पूछने का तरीका चुनिए… हमारे अंगूठाछाप आदिवासियों की तरह प्रश्न पूछना उचित नहीं।
इस बयान के बाद आदिवासी समाज भड़क गया था। विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उनका किसी समाज को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था और उन्होंने माफी भी मांगी।
3. कांग्रेस नेतृत्व और प्रभारी सैलजा पर हमला
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद बृहस्पति सिंह ने खुले तौर पर पार्टी नेतृत्व पर हमला बोला। उन्होंने बयान दिया था कि प्रभारी सैलजा प्रभावशाली नेताओं के हाथों बिकी हुईं।
इसके साथ ही उन्होंने टीएस सिंहदेव पर कहा था कि भाजपा को टीएस सिंहदेव को राज्यपाल बना देना चाहिए, क्योंकि जीत का श्रेय उन्हीं को जाता है। इस बयान ने कांग्रेस के अंदरुनी मतभेद को और गहरा कर दिया था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी किया था।