
इस घटना को लेकर देर रात स्टूडेंट का गुस्सा फूट पड़ा। रात 12 बजे से लेकर 2 बजे तक विद्यार्थी कैंपस में हंगामा करते रहे। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन से व्यवस्थाओं की कमी को लेकर आक्रोश जताया।
उनका कहना था कि यहां पर आज तक कोई व्यवस्था नहीं है। पांचवां दीक्षांत समारोह तो मना लिया, लेकिन विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। अगर छात्र को समय पर बेहतर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती।
परिजनों को दी गई जानकारी
मूल रूप से नर्मदापुरम की साई दर्शन सोसाइटी निवासी सौमिल के पिता वीरेंद्र साहू सिक्योरिटी पेपर मील (SPM) में कर्मचारी हैं। बेटे की मौत की खबर मिलते ही परिजन नर्मदापुरम से भिलाई पहुंचे। पीएम के बाद वो शव लेकर घर के लिए रवाना हो गए हैं। दीपावली पर गया था घर
दरअसल, सौमिल साहू भिलाई शहर के शांति नगर में रहता था। दीपावली में वह घर भी गया था। पिता वीरेंद्र साहू ने बताया 10 नवंबर को उसे बुखार आया था। 11 नवंबर की सुबह भिलाई में रहने वाले भांजे दामाद को हमने उसे देखने के लिए भेजा। उसे स्पर्श अस्पताल सुपेला में भर्ती कराया था।
पिता के मुताबिक, बेटा पूरी तरह स्वस्थ था और उसे किसी गंभीर बीमारी की शिकायत नहीं थी। उन्होंने कहा कि घटना के वास्तविक कारण की अच्छी तरह से जांच होना जरूरी है।
आईआईटी मैनेजमेंट बोला- सामान्य मौत
आईआईटी भिलाई के प्रबंधन ने इस हादसे पर दुख जताया गया है। प्रबंधन ने इस मामले में किसी भी तरह के हादसे, विवाद और सुसाइड जैसी घटनाओं से साफ इनकार किया है। बता दें कि आईआईटी भिलाई का 10 नवंबर को ही दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। पीएम के बाद शव को ले गए पेरेंट्स
जेवरा-चौकी प्रभारी खगेंद्र पठारे ने बताया कि मृतक छात्र का पोस्टमॉर्टम सुपेला अस्पताल में हो गया था। उसके परिजन को शव सौंप दिया गया है। मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह पता चल सकेगी।
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों के आरोप के सवालों के जवाब में जेवर-सिरसा चौकी प्रभारी ने बताया कि अब तक किसी भी तरह की लिखित शिकायत परिजनों की ओर से पुलिस को नहीं दी गई है।