
मामला भटगांव थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित का नाम करण पटेल है। जो कि ग्राम पंचायत सिंधीचुआ के रहने वाले हैं। 2 मार्च 2023 को बिलासपुर जाने के दौरान पिकअप धरदाई के पास अंधेरे में खड़े ट्रैक्टर से टकरा गया था। इस हादसे के बाद वो बिस्तर पर हैं और कोई काम करने में सक्षम नहीं हैं।
प्रदर्शन स्थल से जबरन टेंट हटाया- पीड़ित
उन्होंने बताया कि परिवार के साथ गुरुवार को भटगांव थाने के बाहर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। पीड़ित का आरोप लगाया है कि पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर लगाया गया टेंट जबरन हटा दिया और उन्हें धरना स्थल पर जाने से रोककर वापस घर छोड़ दिया।
झूठे आरोप लगाकर समाज से बहिष्कृत किया
पीड़ित ने बताया कि दुर्घटना के बाद समाज और रिश्तेदारों ने झूठे आरोप लगाकर समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। उनका कहना है कि उनके पारिवारिक जमीन विवाद को लेकर कुछ लोगों ने उनके खिलाफ ‘सामाजिक पैसों के दुरुपयोग’ का झूठा आरोप लगाकर उन्हें समाज से निकाल दिया है।
पीड़ित के मुताबिक, उसके पास समाज की ओर से जारी एक लिखित सामाजिक पत्र मौजूद है। जिसमें सामाजिक प्रतिबंध और बहिष्कार का उल्लेख किया गया है। इसके बावजूद उसे आज तक किसी भी स्तर पर न्याय नहीं मिल पाया।
कलेक्टर को सौंपा था ज्ञापन
न्याय की मांग करते हुए करण पटेल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और कहा कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल के आदेश के बावजूद भटगांव थाना प्रभारी की ओर से निष्पक्ष जांच नहीं की जा रही है।
आर्थिक सहायता और न्याय दिलाने की अपील
करण पटेल अपनी माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता है। दुर्घटना के बाद उसका परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने शासन-प्रशासन से अपील की है कि उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें आर्थिक सहायता और न्याय दोनों मिले, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
वापस भेजने का आरोप निराधार- पुलिस
इस मामले में बिलाईगढ़ एसडीओपी विजय ठाकुर ने कहा, “टेंट हटाने और उन्हें वापस भेजने का आरोप निराधार है। हम उनके घर जाकर उनकी समस्याओं को समझ चुके हैं। उनका आवेदन थाना में दर्ज कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दिया गया है। यदि वे जांच से असंतुष्ट हैं, तो मैं खुद फिर जांच करूंगा।”