
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सम्मेलन में नक्सलवाद से निपटने की रणनीति, आतंकवाद विरोधी प्रयास, ड्रग्स नियंत्रण, साइबर सुरक्षा, और सीमा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी। खास बात यह है कि इस बार फोकस नक्सल प्रभावित इलाकों, विशेषकर बस्तर पर रहेगा।
हाल के महीनों में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने संयुक्त रणनीति के तहत कई बड़ी सफलता हासिल की है। यही वजह है कि बस्तर मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर कैसे मजबूत किया जाए, इस पर भी विचार होगा। सम्मेलन में तैयार होगी रणनीति
बस्तर में हाल ही के ऑपरेशनों की सफलता को लेकर अधिकारी बताते हैं कि ग्राउंड इंटेलिजेंस, आधुनिक हथियारों और संयुक्त ऑपरेशन के कारण नतीजे प्रभावी रहे हैं। सम्मेलन में आगे की रणनीति का ब्लूप्रिंट भी तैयार होने की उम्मीद है। 2024 में सम्मेलन हुआ था भुवनेश्वर में
पिछले साल 2024 में DGP-IG कॉन्फ्रेंस भुवनेश्वर में हुआ था। इसमें पीएम मोदी ने हिस्सा लिया था। छत्तीसगढ़ पहली बार इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी कर रहा है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। एक महीने में पीएम मोदी का दूसरा दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 से 30 नवंबर तक नवा रायपुर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने छत्तीसगढ़ आएंगे। यह विशेष है, क्योंकि एक महीने में पीएम मोदी का यह दूसरा दौरा होगा।
इससे पहले 1 नवंबर को वे राज्य स्थापना दिवस पर रायपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में बच्चों से मुलाकात की। आदिवासी संग्रहालय का उद्घाटन किया और राज्य उत्सव में हिस्सा लिया।
विधानसभा अध्यक्ष का बंगला बनेगा अस्थाई PMO
रायपुर में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस के दौरान नवा रायपुर का बंगला M-01 तीन दिनों के लिए मिनी PMO में बदल दिया जाएगा। यह बंगला विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का आवास है।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल सहित 70 डीजी, पैरामिलिट्री चीफ और कुल 500 शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं और NSG कमांडोज की तैनाती होगी। वीवीआईपी मूवमेंट के लिए 400 वाहनों का बेड़ा भी तैयार किया गया है।