
किसान गोपाल कश्यप ने बताया कि उन्होंने अपनी 1 एकड़ 25 डिसमिल और भाई बहादुर कश्यप की 50 डिसमिल धान की कटाई कर खेत में खरही बनाकर रखी थी।
3 दिसंबर की रात करीब 10 बजे जब वे दूसरे खेत में धान की मिसाई कर रहे थे, तभी गांव के कुछ लोगों ने उन्हें सूचना दी कि खेत में रखी धान में आग लग गई है। गांव के ही किसी व्यक्ति पर शक
सूचना मिलते ही दोनों भाई और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। हालांकि, आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पूरी खरही उसकी चपेट में आ गई और आग बुझाने में सफलता नहीं मिली।
गोपाल कश्यप का कहना है कि गांव के ही किसी व्यक्ति ने जानबूझकर आग लगाई और घटना के बाद मौके से फरार हो गया। इस आगजनी से किसानों को लाखों रुपए का भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।