प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने कहा कि प्रदेश की लगभग सभी सोसाइटियों में DAP, यूरिया और बीज की भारी कमी बनी हुई है। हमने 20 जून को राज्य के सभी जिलों में ज्ञापन दिया था, लेकिन एक महीने बाद भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। प्रदेश के मंत्री सिर्फ अपने कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।
कमीशन का खेल चल रहा
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की नहीं बल्कि कमीशनखोरी की सरकार बन गई है, जहां हर विभाग में नेता सिर्फ अपने कमीशन की व्यवस्था में लगे हैं। प्रदेश मीडिया प्रभारी सूरज उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश में DAP की मांग: 3.10 लाख टन है लेकिन अभी उपलब्धता सिर्फ 1.10 लाख टन है।
यूरिया की जरूरत: 7.12 लाख टन होती है लेकिन आपूर्ति: सिर्फ 3.59 लाख टन । इसी करह बीज की जरूरत: 4.32 लाख क्विंटल है लेकिन आपूर्ति: सिर्फ 3.83 लाख क्विंटल है। सूरज ने कहा कि ये सब एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत हो रहा है, ताकि निजी विक्रेताओं को फायदा पहुंचाया जाए और उन्हें दिए जाने वाले कमीशन से नेता मालामाल हो सकें।
आंदोलन की चेतावनी
आम आदमी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी समितियों की स्थिति बेहद खराब है, वहां कीमतों की जांच और स्टॉक सुधार जरूरी है। छत्तीसगढ़ में सरकार ने किसानों की अनदेखी की है। राज्य के लाखों किसान खाद, यूरिया और बीज के लिए रोजाना भटक रहे हैं। अगर तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो AAP पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन खड़ा करेगी।