फाउंडेशन के प्रिंस जैन के अनुसार, शहर के 40 वार्डों में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संस्था हर रविवार को नसबंदी अभियान चलाती है। पिछले रविवार को 23 कुत्तों का ऑपरेशन किया गया।
घायल और लाचार कुत्तों का भी इलाज
संस्था का कार्य सिर्फ नसबंदी तक सीमित नहीं है। वे घायल और लाचार कुत्तों का भी इलाज करते हैं। जो कुत्ते ठीक नहीं हो पाते, उन्हें फाउंडेशन में ही रखा जाता है। नसबंदी के बाद कुत्तों की देखभाल की जाती है और फिर उन्हें उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है, जहां से उन्हें लाया गया था।
300 डॉग का नसबंदी करने का टारगेट
डॉग्स केयर फाउंडेशन पुष्पेंद्र वाजपेई ने बताया रविवार को फीमेल डॉग्स का नसबंदी किया गया है। नसबंदी करने प्रशिक्षित डॉक्टर बाहर से पहुंचे हुए है। बारिश के पहले कुत्तों का नसबंदी करना जरूरी है। संस्था की ओर से करीब 300 डॉग का नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है। जिनको अलग-अलग वार्डों से उठाकर ऑपरेशन कर एक हफ्ते में इलाज करने के बाद फिर छोड़ दिया जाता है।