स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी मामले में युवा कांग्रेस नेता आशीष शिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार किया

Chhattisgarh Crimesस्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी मामले में युवा कांग्रेस नेता आशीष शिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, मुख्य आरोपी केके श्रीवास्तव को सोमवार को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।

युवा कांग्रेस नेता आशीष शिंदे पर आरोप है कि, उसने मुख्य आरोपी केके श्रीवास्तव को फरार कराने में मदद की थी। पुलिस का कहना है कि, आशीष न केवल आरोपी को अपनी गाड़ी में छिपाकर शहर भर में घुमाता रहा, बल्कि पुलिस की नजर से बचाने की साजिश में भी शामिल रहा।

कौन है आशीष शिंदे?

आशीष शिंदे रायपुर का सक्रिय युवा कांग्रेस नेता है। गिरफ्तारी से पहले पुलिस आशीष को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शिंदे के मोबाइल की कॉल डिटेल और CCTV फुटेज से यह साफ हुआ कि, उसने केके श्रीवास्तव को फरारी में मदद की थी। शिंदे आरोपी को कई दिन तक अपनी गाड़ी में छिपाकर घुमाता रहा और पुलिस को गुमराह करता रहा।

पुलिस अब और नामों की तलाश में

इस मामले में पुलिस को शक है कि केके श्रीवास्तव के नेटवर्क में राजनीतिक और कारोबारी दुनिया के और भी लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस और साइबर क्राइम टीम अब केके श्रीवास्तव के मोबाइल, बैंक अकाउंट और सोशल नेटवर्किंग चैट्स की डिजिटल फोरेंसिक जांच कर रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, कांग्रेस की सरकार में श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसका सीएम हाउस में बे रोक टोक आना-जाना था। स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे।

अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया। तय समय गुजरने के बाद पैसा नहीं दिया। रावत ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो उसने बेटे कंचन के खातों से 3.40 करोड़ लौटा दिए।

इसके अलावा तीन-तीन करोड़ के तीन चेक दिए।श्रीवास्तव को पुलिस ने 20 जून की रात भोपाल में छापा मारकर गिरफ्तार किया था। वहां वह हुलिया बदलकर रह रहा था।

खाते में 300 करोड़ का लेन-देन भी

ठग केके श्रीवास्तव के खातों की जांच में 300 करोड़ का लेन-देन मिला है। ये खाते EWS मकानों में रहने वालों के नाम पर हैं। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दिया है। पुलिस थाने में शिकायत के बाद ईडी केके भी श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी थी।

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