दरअसल, मां दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण और विपणन सहकारी समिति मर्यादित प्लांट से दूषित पानी किसानों के खेतों में जा रहा है। किसानों को कहना कि इससे धान की खड़ी फसल मुरझाने लगी है। खेतों और जल स्रोतों में पाई जाने वाली प्राकृतिक जैवविविधता जैसे केंचुआ, मेंढक, मछली और सांप भी मर रहे हैं।
दोबारा बुवाई के बाद भी फसल खराब होने के कगार पर
मछली पालक किसान मनहेर पोयाम ने बताया कि दूषित जेल तालाब में आने से मछलियां मरने लगी हैं। जबकि चंदर नेताम का धान पूरी तरह खराब हो गया है। उन्होंने दोबारा बुवाई की, लेकिन वह भी नष्ट होने के कगार पर है।
रायपाल नेताम, नेहरू पोयाम, कांति नेताम, मानसिंह पोयाम और जुगधर नेताम जैसे दर्जनों किसान अपनी पूरी फसल चौपट होने की बात कह रहे हैं। वे इस स्थिति के लिए प्लांट से निकले अपशिष्ट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।